नई दिल्ली। थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने शुक्रवार को कहा कि गलवन में गतिरोध के दौरान भारतीय सैनिकों ने जिस दृढ़ता से चीनी सेना को जवाब दिया उससे पूरी दुनिया ने भारत का लोहा माना।
सेना प्रमुख ने पीएचडीसीसीआइ की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा,
अप्रैल-मई 2020 की घटनाओं के दौरान जिस दृढ़ता से हम अपने प्रतिद्वंद्वी के सामने खड़े हुए उससे दुनिया ने हमारे राजनीतिक और सैन्य संकल्प पर गौर किया।
क्या कुछ बोले थलसेना अध्यक्ष?
चीन के बढ़ते आर्थिक दबदबे का जिक्र करते हुए मनोज पांडे ने कहा कि वह भू-राजनीतिक और व्यापार समझौते को ‘जीरो-सम गेम’ के रूप में देख रहा है। जीरो-सम गेम ऐसी व्यावहारिक परिस्थिति को कहा जाता है जिसमें एक पक्ष को जितना लाभ होता है ठीक उतनी ही हानि किसी अन्य पक्ष को होती है।
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‘हम अपने राष्ट्रीय हित के प्रति दृढ़’
सेना प्रमुख ने कहा कि चीन अपने क्षेत्र के बाहर दबदबा बनाने और नियम-आधारित संगठन के लिए खतरा पैदा करने की कोशिशों में लगा हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्ध पर सेना प्रमुख ने कहा,
रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष पर हमारा रुख अच्छा उदाहरण है जहां हम अपने राष्ट्रीय हित के प्रति दृढ़ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, व्यापार समझौते के रूप में हमारे प्रयासों में इस दृढ़ता का सकारात्मक असर दिख रहा है।