नोएडा। देश की राजधानी दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर के जेवर क्षेत्र में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) की निर्माण लागत बढ़कर 5,730 करोड़ रुपये हो गई है। एयरपोर्ट के प्रथम चरण के निर्माण के लिए पूर्व में 4,588 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया था। एयरपोर्ट प्रोजेक्ट की वित्तीय औपचारिकताओं को भी पूरा कर फाइनेंसियल क्लोजिंग की गई। निर्माण पर खर्च होने वाली कुल धनराशि का 65 फीसद हिस्सा 3,725 करोड़ रुपये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ) कर्ज के रूप में देगा। शेष धनराशि की व्यवस्था ज्यूरिख करेगी। इसके लिए मंगलवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल), विकासकर्ता ज्यूरिख एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच मंगलवार को यमुना प्राधिकरण कार्यालय में समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर हुए।
यमुना प्राधिकरण कार्यालय में मंगलवार को तीनों के बीच सब्सटिटूशन व एस्क्रो अकांउट के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए। समझौता पत्र पर नियाल के सीईओ डॉक्टर अरुणवीर सिंह, ज्यूरिख के सीईओ क्रिसटोफ शेलमेन व सीडीओ निकोलस शेंक, एसबीआइ के एजीएम बिजेंद्र सिंह राठौर व निदेशक नागरिक उड़्डयन बिशाक जी अय्यर ने हस्ताक्षर किए।
प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने सब्सटिटयूशन और एस्क्रो समझौता पत्र प्रस्तुत किया। एयरपोर्ट के निर्माण में अब कोई बाधा नहीं रही है। ज्यूरिख को जमीन के दस्तावेज सौंपकर कब्जा हस्तांतरण की कार्रवाई की जा चुकी है।
माना जा रहा है कि सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आधारशिला रख सकते हैं। शिलान्यास की तैयारी पूरी हो चुकी है। स्थानीय अधिकारियों को सिर्फ अनुमति का इंतजार है। इसके बाद निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरू हो जाएगा। नियाल का दावा है कि 2024 में एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू हो जाएंगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यहां पर दी जानी वाली सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर की होंगी।
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