नीरज शर्मा की खबर
बुलंदशहर। शारदीय नवरात्र के छठे दिन भक्तों ने मां कात्यायनी की पूजा की। इस दौरान घरों से लेकर देवी मंदिरों तक मां की भक्ति की बयार बही। भोर पहर से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई और घंटा, घडिय़ाल, आरती व मंत्रोच्चार की गूंज से हर ओर माहौल भक्तिमय बना रहा।
नगर के देवी मंदिरों में शारदीय नवरात्र के चलते १७ अक्तूबर से मां के भक्त पूजा अर्चना करने में जुटे हुए है। बृहस्पतिवार को मंदिरों में भक्तों द्वारा मां के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की गई। देवी के इस स्वरूप में महिषासुर का वध किया था। जिससे मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी के नाम से भी जाना जाता है। जानकारी के अनुसार ऋषि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी इच्छापूर्ति के लिए उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था। मां का यह स्वरूप अमोघ फल देने वाला है, इसका अर्थ ऐसे फल से होता है, जिसका कभी नाश नहीं होता। अमोघ फल देने के लिए भक्तों ने मां कात्यायनी से मांग की। उधर, अहार क्षेत्र के मां अवंतिका देवी मंदिर पर छठे नवरात्र को भक्तों ने कात्यायनी मां के स्वरुप की पूजा अर्चना कर मनौती मांगी। पूजा अर्चना से पूर्व भक्तों ने गंगा स्नान करने के बाद मैया के दर्शन किए। वहीं, मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रसाद वितरित किया।