वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा किए गए मानहानि के मुकदमे का खर्च सरकारी खजाने से उठाने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद घिरते नजर आ रहे हैं। केजरीवाल का कहना है ये फीस दिल्ली सरकार के फंड से दी जाए, जिसपर विवाद हो गया है।
केजरीवाल की दलील है कि ये उनका निजी मामला नहीं है तो बिल वो अपनी जेब से क्यों भरें. लेकिन पिछले साल अक्टूबर में कोर्ट के सामने अरविंद केजरीवाल ने इस मामले को अपना निजी मामला बताया था. तब कोर्ट में उनके ख़िलाफ़ चल रहे मानहानि के दो मामलों की सुनवाई हो रही थी।
यहां पर फंस गए केजरीवाल
केजरीवाल ने उस दौरान कोर्ट के सामने इस मामले को समाप्त करने की अर्जी लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने इससे इन्कार कर दिया था और अपने आदेश में दोनों मामलों को निजी बताया था।
पूर्व ADG ने दी है यह राय
पूर्व अटर्नी जेनरल सोली सोराबजी इस पूरे मामले में कहना है कि ये केस निजी मामले में है। ऐसे में केजरीवाल को निजी खर्च से वकील की फीस देना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर केजरीवाल हिट एंड रन केस में फंस जाते हैं तो क्या दिल्ली सरकार पैसा देगी।
यह है पूरा मामला
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर अरविंद केजरीवाल कई डीडीसीए को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे। केजरीवाल के इन आरोपों के बाद अरुण जेटली ने इस मामले में निजी तौर पर केजरीवाल उनपर हमला करने वालों से अपने बयान वापस लेने के लिए कहा और माफी मांगने के लिए कहा। ऐसा न करने पर अरुण जेटली ने इन लोगों पर मानहानि का केस दर्ज करने की बात कही थी। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा ऐसा नहीं करने पर जेटली ने केजरीवाल समेत पार्टी के छह नेताओं पर 10 करोड़ रुपये मानहानि का केस दर्ज किया था।
राम जेठमलानी इस केस में अरविंद केजरीवाल की ओर से लड़ाई लड़ रहे हैं। पहले कहा गया था कि वह इस केस में कोई फीस नहीं लेंगे, लेकिन हाल ही जो दिसंबर माह के पहले हफ्ते में लिखी चिट्ठी से खुलासा हुआ है कि राम जेठमलानी ने अपनी फीस के तौर पर अब तक 3.86 करोड़ रुपये की मांग की है। राम जेठमलानी के इस कदम पर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि जेठमलानी ने पहले तो फीस नहीं लेने की बात कही थी, लेकिन अब उन्होंने बिल भेज दिया है।
गौरतलब है कि वरिष्ठ वकीलों द्वारा ली जाने वाली कॉन्फ्रेंस फीस भी लगभग पेशी की फीस के बराबर होती है। जेटली मानहानि केस में केजरीवाल का केस लड़ रहे जेठमलानी ने इससे पहले केजरीवाल को 3 करोड़ 40 लाख का बिल भेजा था, जिसमें 22 लाख प्रति पेशी के हिसाब से 11 पेशियों की फीस और 1 करोड़ रुपए रिटेनर फीस शामिल है।
जेटली मानहानि केस में अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने कहा है कि उन्होंने तो केजरीवाल को फीस में डिस्काउंट दिया है। जेठमलानी ने मानहानि केस में केजरीवाल को 3.4 करोड़ रुपये का बिल भेजा है, जिसे केजरीवाल दिल्ली के सरकारी खजाने से चुकाना चाहते हैं।