बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहने वाले सपा नेता आजम खां ने नया शिगूफा छोड़ते हुए कहा है कि अब तो गाय को छूने और देखने से भी डर लगता है। ऐसी स्थिति में मुसलमान गाय के पास भी न गुजरें। गाय के दूध से जुड़ा कारोबार भी न करें क्योंकि कारोबार से ज्यादा कीमती जिंदगी है।
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आजम ने यह बात कही और तुरंत अपनी ही बात को खारिज भी कर दिया। यह कहकर कि मुसलमान पहले भी गाय से मुहब्बत करता रहा है। बाबर के शासनकाल में गो हत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध रहा। बहादुरशाह जफर के दौर में तो गो हत्या और इंसान की हत्या का जुर्म बराबर था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
आजम खां ने पत्रकारों से कहा कि मौलाना मुहम्मद अली जौहर भी गो हत्या के पक्ष में नहीं थे। हमारा चरित्र यह रहा है कि हमारे हिन्दू भाइयों की आस्था है, इसलिए उसका एहतराम होना चाहिए। हमेशा यह एहतराम किया गया, लेकिन अब हालात यह हैं कि गाय को पालने में भी डर लगता है। स्वामी अधोक्षाजानंद ने उपहार में गाय दी थी, जो हमने वापस कर दी। हिन्दू भाइयों की गाय में आस्था और पूजा करने के चलते हमें एहतराम करना चाहिए।