अल्मोड़ा : गरीबों के राशन पर डाका डालने वाले जलागम कर्मी समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जरूरतमंद कार्डधारकों तक अनाज पहुंचाने के बजाय सरकारी राशन की जमाखोरी से जुड़े इस चर्चित मामले में सरकारी सस्ता गल्ला चलाने वाले दो कोटेदार जहां शामिल रही। वहीं सरकारी गेहूं को अपना बताने वाली एनजीओ संचालक महिला भी गोरखधंधे में लिप्त पाई गई है। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद प्रशासन गहन जांच में जुट गया है। ताकि पता लगाया जा सके कि महासंकट के दौर में सरकारी राशन के वितरण में और कहां कहां घोटाला किया जा रहा है।
धौलादेवी ब्लॉक के पालीगुणादित्य कस्बे में बीती 30 मई को जागनाथ जड़ी बूटी एवं जैविक उत्पाद समिति के कार्यालय में गेहूं के 54 बोरे पकड़ गए थे। 28 मई को करीब 48 कुंतल सरकारी अनाज समिति कार्यालय के गोदाम में आरएफसी के वाहन से उतार कर जमा किए गए थे। इसे जलागम परियोजना के कर्मचारी आलोक दुबे ने स्टॉक किया था। पालीगुणादित्य के पूर्व ग्राम प्रधान इंद्र पालीवाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा व चालीगांव के पूर्व प्रधान खीमानंद पालीवाल को इसकी भनक लगी तो हंगामा खड़ा हो गया था। गोदाम में सरकारी सस्ते गल्ले के बोरे थे। कुछ बोरे बदले जा चुके थे। ग्रामीणों ने गोदाम में अवैध भंडारण का वीडियो बना प्रिंट मीडिया व नायब तहसीलदार को दिया गया।
पंचायत प्रतिनिधियों ने खोला था मामला
नायब तहसील व राजस्व उपनिरीक्षकों ने तब मौका मुआयना किया था। ऊपरी मंजिल में 8.50 कुंतल व भूतल में गेहूं की 54 बोरियां पकड़ी गईं थीं। एसडीएम मोनिका ने इसे गंभीर बताते हुए जांच बैठाई। इधर जांच में जमाखोरी व सरकारी अनाज के वितरण में घोटाले का खुलासा होने पर कानूनी शिकंजा कस दिया गया। गुरुवार सायं राजस्व उपनिरीक्षक चंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि एनजीओ चलाने वाली गोदावरी आर्या पुत्री जगत राम, ग्राम्या के कर्मचारी आलोक दुबे, पालीगुणादित्य के सरकारी सस्ता गल्ला विक्रता लक्ष्मी दत्त तथा तड़कोट के कोटेदार गोपाल दत्त के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जिला पूर्ति अधिकारी मोनिका ने कहा ेकि सरकारी गेहूं की जमाखोरी मामले में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विवेचना शुरू कर दी है। पता लगा रहे हैं कि पूरे मामले में और कौन कौन लिप्त हैं। किसके इशारे पर सरकारी अनाज समिति कार्यालय के गोदाम में रखवाया गया। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।