अस्थायी कनेक्शन: अस्थायी बिजली कनेक्शन में धांधली के आरोप में ग्रेनो डिविजन के बाबू गोविंद पाठक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उसकी कार्यप्रणाली को देखते हुए कठोर कार्रवाई की संस्तुति भी की गई।
जुलाई में ग्रेनो डिविजन के बिजली निगम में अधीशासी अभियंता रहे केपी सिंह के मेरठ मुख्यालय तबादले के बाद अभियंता धीरेंद्र कुमार सिंह ने चार्ज संभाला। नए अभियंता को दफ्तर के कामकाज कुछ गड़बड़ी लगी। उन्होंने 14 जुलाई को मौखित रूप से अस्थायी कनेक्शन, स्थायी कनेक्शन, कोर्ट केस और आरटीआई इत्यादि कार्य देख रहे बाबू गोविंद पाठक से दस्तावेज मांगे। परंतु बाबू ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। इसके बाद उन्होंने 23 जुलाई को लिखित रूप से दस्तावेजों की मूल पत्रावलियां मांगीं। दस्तावेज नहीं मिलने पर उन्होंने बैठक में उच्चाधिकारियों से जांच की मांग की।
जांच के बाद खुलासा
निगम के चेयरमैन ने मामले की जांच कमेटी गठित करके जांच शुरू कराई। जांच कमेटी ने अस्थायी बिजली कनेक्शन में सौ करोड़ से अधिक की धांधली का खुलासा किया। इसके बाद एमडी कार्यालय द्वारा पत्र का संज्ञान लेते हुए गोविंद पाठक को अनियमितता और गंभीर लापरवाही बरतने पर प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इस दौरान बाबू बुलंदशहर मुख्य अभियंता वितरण के कार्यलय में संबद्ध रहेंगे। बाबू के निलंबन के बाद निगम के उच्चाधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। इसमें 23 अभियंताओं के दूर दूसरे जिलों में तबादला किया गया है।
वर्ष 2019 से गड़बड़ी का आरोप
बाबू गोविंद पाठक ग्रेनो डिविजन में वर्ष 2019 से तैनात है। आरोप है कि तब से ही वह उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से धांधली करता रहा।
जिलाधिकारी ने भी एक मामले में मांगी है रिपोर्ट : अभियंता ने बताया कि बाबू ने एक किसान की कनेक्शन की रसीद काट दी। परंतु किसान का बिजली कनेक्शन नहीं हो सका। इसकी किसान ने जिलाधिकारी से शिकायत कर दी। जिलाधिकारी ने उस मामले में जांच रिपोर्ट मांगी। कई बार बाबू से उस मामले के मूल दस्तावेज भी मांगे गए पर डीएम को उसने दस्तावेज नहीं दिए।
मीटरों में नो-डिस्प्ले दिखाकर कम राशि का बनता था बिल
अस्थायी कनेक्शनों के मीटरों की नो-डिस्प्ले दिखाकर कम धनराशि का बिल बनाया जाता था। उनका न्यूनतम लोड पर कम औसतन यूनिट का बिल तैयार किया जाता था। जांच में खुलासा हुआ है कि उपभोक्ता के कनेक्शन के दस्तावेजों में दो किलोवाट तक कनेक्शन लोड दिखाया गया और दो किलोवाट के आधार पर ही उपभोक्ता का बिल बनाया जाता रहा, जबकि मौके पर 16 एमएम से लेकर 25 एमएम की केबल से सप्लाई दी जा रही थी। दो किलोवाट के कनेक्शन पर इतनी मजबूत केवल से सप्लाई का कनेक्शन जोड़ना डिविजन में भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है। 16 से 25 एमएम की केबल पर कम से कम 40 किलोवाट से लेकर 70 किलोवाट तक के कनेक्शन की सप्लाई जोड़ी जाती है। इससे साफ जाहिर हुआ कि बड़े उपभोक्ता या बिल्डरों को लाभ पहुंचाया और निगम को राजस्व की क्षति हुई।
विद्युत निगम में भ्रष्टाचार और कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गंभीर आरोप होने पर बाबू गोविंद पाठक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। आगे भी दोषी कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -अरविंद मल्लप्पा बंगारी, प्रबंध निदेशक, पीवीवीएनएल