नोएडा के चिर परिचित पत्रकार आलोक द्विवेदी को सहारा प्रबन्धन ने बड़ी जिम्मेदारी दी है…उन्हें अब सहारा समय एनसीआर राजस्थान हरियाणा का सम्पादक बनाया गया है…
आलोक द्विवेदी अभी तक पाॅलिटिकल एडीटर के साथ नेशनल ब्यूरो चीफ का दायित्व निर्वहन कर रहे थे….
माना जा रहा है कि केन्द्र में सत्तासीन दल में मजबूत पाॅलिटिकल पकड़ की वजह से प्रबन्धन ने दी आलोक द्विवेदी को यह जिम्मेदारी दी है..
चैनल के बिगड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करना होगा आलोक द्विवेदी के लिये चुनौती….
आलोक द्विवेदी का नोएडा में टीवी रिपोर्टिंग का लम्बा इतिहास रहा है…बल्कि यूं कहें कि नोएडा में टीवी रिपोर्टिंग की शुरूआत ही आलोक द्विवेदी ने की तो गलत नहीं होगा…आलोक द्विवेदी ने मई 2011 को ग्रेटर नोएडा में भट्ठा पारसौल में भूमि अधिग्रहण विवाद को लेकर और किसानों के बीच हिंसक संघर्ष की लगातार संजीदगी से रिपोर्टिंग की थी..और किसान से जुड़ी समस्याओं को सबसे पहले राष्ट्रीय स्तर पर टीवी चैनल के माध्यम से उठाया था अपनी खबरों के जरिये कई राजनैतिक दलों के नेताओं को किसान हितों से जुड़ने को विवश किया था…
आलोक द्विवेदी को मई 2008 में देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री नोएडा में हुये आरूषि हत्याकांड को सहारा समय टीवी चैनल के माध्यम से सबसे पहले दर्शकों के बीच ले जाने का श्रेय और लगातार ढाई महीने तक विशेष कवरेज और लाईव करने का मौका मिला जिससे मीडिया जगत में ही नहीं बल्कि देश की जनता के बीच में भी खास पहचान मिली…इसके पहले दिसम्बर 2006 में हुये निठारी कांड को सबसे पहले सहारा समय टीवी चैनल के माध्यम से दर्शकों के बीच लाने का श्रेय जाता है..निठारी कांड से जुड़े कई तथ्यों पर कई विदेशी चैनलों में इटरव्यू का मौका मिला..
..निठारी कांड की सच्चाई को उजागर करती डाक्यूमेंट्री फिल्म द कर्मा किलिंग में मुख्य किरदार निभाया…यह फिल्म नेटफ्लिक्स में देखी जा सकती है..
..मार्च 2003 में हुये गुजरात दंगों में दिल्ली से गोधरा कवरेज के लिये ट्रेन से पहुंचने वाले सबसे पहले पत्रकार होने का श्रेय प्राप्त है..गुजरात दंगों के दौरान राष्ट्रीय सहारा अखबार में लिखी खबरों को तत्कालीन संसद सत्र के दौरान बहस में शामिल किया गया.