सस्पेंशन आदेश के सभी प्रभाव और प्रक्रिया पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी
उच्च न्यायालय ने एसएसपी गौतमबुद्धनगर द्वारा इंस्पेक्टर मनोज पंत को ससपेंड किये गए आदेश दिनांक 30.01.19 को स्टे किया साथ ही सस्पेंशन आदेश के सभी प्रभाव और प्रक्रिया पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी है ।
गौरतलब है कि दिनांक 15 जुलाई 2019 को सुनवाई के दौरान मा. उच्च न्यायालय द्वारा एसएसपी गौतमबुद्धनगर से इस प्रकरण में जवाब मांगा गया था, दिनांक 30 जुलाई 2019 को सुनवाई के दौरान कोई जवाब नहीं दे पाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और 6 हफ्ते के अंदर काउंटर एफिडेविट के माध्यम से अपना पक्ष रखने के लिए कहा है ।
6 हफ्ते के अंदर काउंटर के माध्यम से अपनी सफाई देने का निर्देश दिया है
विधि विरुद्ध सस्पेंशन पर नाराजगी जाहिर करते हुए रिट में पार्टी बनाये गए अधिकारियों से 6 हफ्ते के अंदर काउंटर के माध्यम से अपनी सफाई देने का निर्देश दिया है.
उच्च न्यायालय की एकल खंडपीठ (न्यायमूर्ति श्री अश्वनी कुमार मिश्रा) की कोर्ट ने जारी किया अंतरिम स्टे आदेश ।
इंस्पेक्टर मनोज पंत को सैलरी सहित सभी देय लाभ के साथ पूर्व की स्थिति में सेवा जारी करने का आदेश दिया है ।
हाई कोर्ट के इस आदेश से पुलिस अधिकारियों में खलबली मची हुई है, ऐसी स्थिति में इंस्पेक्टर मनोज पंत को सेक्टर 20 प्रभारी इंस्पेक्टर के तौर पर तैनात करना होगा ।
सूत्रों की माने तो पूरा प्रकरण आईपीएस लॉबी के शीत युद्ध के तहत व्यक्तिगत द्वेष के कारण मनोज पंत को बलि का बकरा बनाया गया था ।