उच्चतम न्यायालय को गुरुवार को बताया गया कि वकील या कानूनी पेशेवर डॉक्टर्स और अस्पतालों की तरह अपने काम का विज्ञापन नहीं कर सकते हैं और अपने लिए काम की मांग नहीं कर सकते हैं।इसलिए, वकीलों की सेवाओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के दायरे में नहीं लाया जा सकता है।
शीर्ष अदालत ने क्या टिप्पणी की थी?
इससे एक दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय ने सवाल उठाया था कि अगर डॉक्टर्स को लापरवाही के लिए उपभोक्ता अदालतों में लाया जा सकता है, तो खराब सेवाओं के लिए वकीलों पर मुकदमा क्यों नहीं चलाया जा सकता। राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के 2007 के फैसले पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि सवाल यह है कि वकीलों को मिली फीस को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत सेवा के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस वक्त देश में तेरह लाख वकील हैं।
‘अदालत की मदद करना वकील की पहली जिम्मेदारी’
बार निकायों और अन्य व्यक्तियों की ओर से वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुड्डा पेश हुए। न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की सुनवाई कर रही है। हुड्डा ने एक वकील और एक डॉक्टर की सेवाओं के बीच अंतर करते हुए पीठ को बताया कि वकील की पहली जिम्मेदारी कानूनी मामले के निपटारे में अदालत की मदद करना होता है, न कि मुवक्किल के प्रति।
बार निकायों ने दी है एनसीडीआरसी के फैसले को चुनौती
‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’, ‘दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन’ और ‘बार ऑफ इंडियन लॉयर्स’ जैसे बार निकायों और अन्य लोगों ने शीर्ष अदालत में याचिकाएं दाखिल की हैं। इनमें राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के 2007 के फैसले को चुनौती दी गई है। एनसीडीआरसी ने फैसला सुनाया था कि वकील और उनकी सेवाएं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के दायरे में आती हैं।
‘काम की मांग नहीं कर सकता वकील’
वरिष्ठ वकील हुड्डा ने कहा, डॉक्टर के एक क्लिनिक को बड़े अस्पताल की तरह व्यावसायिक इकाई माना जाता है, जो खुद का विज्ञापन कर सकता है। उस पर कोई रोक नहीं। लेकिन, वकीलों पर अपने काम का विज्ञापन करने की रोक है। वे काम नहीं मांग सकते हैं और वकील 1961 के अधिनियम के तहत पारिश्रमिक के रूप में मुकदमे की संपत्ति में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। हुड्डा ने एनडीआरसी के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा, 1961 के कानून के तहत लागू प्रतिबंधों की वजह से वकील डॉक्टर्स या किसी अन्य पेशवर व्यक्ति से अलग हैं।