कानपुर के चमड़ा उद्योग पर डालरों की बारिश शुरू हो गई है। कोरोना से बदहाल लेदर सेक्टर उबरने लगा है। यूरोप और अमेरिका के अलावा आस्ट्रेलिया और लैटिन अमेरिका से मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। चमड़ा फुटवियर, डिजायनर वियर और एसेसीरीज के 800 करोड़ के आर्डर निर्यातकों के पास आ गए हैं। माना जा रहा है कि अगले आठ महीनों तक के लिए भरपूर काम मिलने से उद्योग के सामने खड़ा संकट कुछ हद तक टल गया है।
खुलने लगे ब्रांड स्टोर, तीन गुने आर्डर
डेढ़ साल से अमेरिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका के 45 हजार स्टोर्स ने या तो आर्डर ही नहीं दिए या फिर महज 25 फीसदी माल ही लिया। लाकडाउन खुलने के साथ ही अब इन स्टोर्स को दोबारा तैयार किया जा रहा ह। इसलिए खाली आर्डरों की बरसात हो गई है। 400 करोड़ के ज्यादा के आर्डर केवल प्रतिष्ठित ब्रांड्स ने दिए हैं।
ऑनलाइन कंपनियों से 30 फीसदी बिजनेस
कोरोनाकाल में ऑनलाइन शापिंग में पांच गुना इजाफा हुआ है। पहले उत्पादों को लोग पहनकर, छूकर ही खरीदते थे। पूरी दुनिया में यही चलन था लेकिन अब फुटवियर की ऑनलाइन खरीदारी जमकर हो रही है। एक साल में लेदर फुटवियर की खरीदारी 30 फीसदी ऑनलाइन स्टोर्स के जरिए हो रही है। निर्यातकों के लिए ये बिल्कुल नया बाजार है।
बदला ट्रेंड: आल इन वन फुटवियर की मांग
कोरोना से पहले अमेरिका-यूरोप में निर्यात होने वाले फुटवियर में 60 फीसदी हिस्सा आफिस व फार्मल वियर का था। आफिस, पार्टी, वॉक, वीकेंड के अलग-अलग फुटवियर इस्तेमाल होते थे। कोरोना ने जिंदगी बदली और पार्टी-सैर सपाटे पर विराम लग गया। आफिस के बजाय वर्क फ्राम होम आ गया। अब 75 फीसदी ग्राहक आल इन वन फुटवियर की मांग कर रहे हैं। यानी घर से लेकर बाहर तक एक ही फुटवियर। इसी डिमांड के आधार पर कानपुर-उन्नाव की टेनरियों ने खुद को बदल लिया है और नए उत्पाद तैयार कर रही हैं।
अब एसेसरीज भी लेदर की चाहिए
पहले सिंथेटिक लेदर ने असली लेदर बाजार में खासी सेंध लगाई। लेकिन कोरोना के कारण घरों से काम कर रहे लोगों को आरामदायक और स्किन फ्रेंडली उत्पाद चाहिए। यही वजह है कि पहली बार लेदर के सोफे, चेयर, कुशन, कार कवर, आटो एसेसरीज, बेड तक की मांग तीन गुना बढ़ गई है। इसकी वजह लंबे समय तक बैठकर काम करना है। सिंथेटिक लेदर से स्किन संक्रमण का खतरा रहता है।
इन ब्रांड्स के आर्डर
अमेरिका: जैबलिन, डाकर्स, स्टीव मेडन, केनेथ कोल, एलेन पोलो
इंग्लैंड: नेक्स्ट, एसास, टॉपमैन
स्पेन: जारा, मैंगो
जर्मनी: जैलेंडो, बॉन प्रिक्स
स्वीडन: एचएंडएम
फ्रांस: कैरफोर
26 देशों और आस्ट्रेलिया से बड़ी संख्या में आर्डर
चर्म निर्यात परिषद वाइस चेयरमैन आरके जालान ने बताया कि अमेरिका के अलावा यूरोप के 26 देशों और आस्ट्रेलिया से बड़ी संख्या में आर्डर हैं। वर्क फ्राम होम कल्चर के कारण लोग फार्मल वियर से ज्यादा कम्फर्ट की डिमांड कर रहे हैं।
चर्म निर्यात परिषद पूर्व चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने कहाकि इंडस्ट्री कोरोना से उबर रही है। अब तक आयात-निर्यात में पाबंदियां थीं। यूएस, यूरोप व लैटिन अमेरिका के करीब 45 हजार स्टोर्स खाली हो गए थे। अब तेजी से आर्डर मिल रहे हैं। ऑनलाइन शापिंग ने लेदर इंडस्ट्री को नई दिशा दी है।
चर्म निर्यात परिषद रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल ने बताया कि यूरोप व यूएस में लॉकडाउन खुलने से इंडस्ट्री संभलने लगी है। कानपुर-उन्नाव लेदर क्लस्टर में ही करीब 800 करोड़ रुपए के आर्डर मिले हैं। आने वाले सीजन को देखते हुए नए विदेशी ग्राहक भी संपर्क कर रहे हैं।