अलीगढ़। जलभराव शहर की नियति नहीं, अनियोजित विकास का नतीजा है। शहर की भौगोलिक स्थिति कटोरेनुमा बताकर अक्सर समस्या से पल्ला झाड़ने वाले अफसर तकनीकि सोच और समय रहते जरूरी कार्य पूरे करा देते तो लोगों को जलभराव की मुसीबत न झेलनी पड़ती। नगर निगम के निर्माण कार्यों में किस हद तक लापरवाही बरती जा रही है, यह किसी से छिपा नहीं है। चाहे वह सड़क निर्माण हो, या नाला निर्माण। जंगलगढ़ी में ढाई साल पहले शुरु हुआ नाला निर्माण अब तक पूरा न हो सकता। 100 मीटर का हिस्सा शेष है, जिसे बनाने भरोसा पांच महीने से अफसर दे रहे हैं। बारिश में यही नाला मुश्किलें खड़ी कर रहा है। खैर रोड स्थित नाला शाहजमाल की ओर काट दिया गया, जिससे ईदगाह और इसके आसपास के इलाके जलमग्न हो गए। इस ओर भी किसी का ध्यान नहीं गया। अब नए नगर आयुक्त गौरांग राठी से लोग समस्या के निदान की अपेक्षा कर रहे हैं।
यह हैं हालात
देहलीगेट क्षेत्र में सराय मियां, जंगलगढ़ी से होकर नाला निर्माण कार्य दिसंबर, 2018 में शुरू हुआ था। 14वें वित्त आयोग से यह निर्माण हो रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कैलाश गली की पुलिया से सराय काबा की पुलिया तक करीब 100 मीटर नाला बनना शेष है, फरवरी में काम बंद कर दिया गया। इसके चलते निकासी अवरुद्ध हो गई। बारिश में पानी नहीं निकल सका और आबादी में भरने लगा। नाला कचरे से अटा पड़ा है। गंदगी, दुर्गंध से लोगों का बुरा हाल है। कई बार नगर निगम अफसरों से शिकायत भी की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। नाला निर्माण कार्य बीच में क्यों छोड़ दिया गया? यह भी नहीं बताया जा रहा। बारिश से पहले निर्माण कार्य पूरा हो जाता तो जलभराव की दुश्वारियां न झेलनी पड़तीं। मेयर भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे। यही नहीं, बर्फखाना खैर रोड से निकल रहा नाला शाहजमाल की ओर काट दिया है, जिससे ईदगाह और आसपास के इलाके में पानी भर जाता है। पिछले दिनों इसे बंद भी किया गया, लेकिन फिर खोल दिया है।