काबुल। अफगानिस्तान में आतंकी हमलों के अलर्ट के बीच काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो बड़े धमाके हुए हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने तालिबान प्रवक्ता के हवाले से बताया है कि ब्लास्ट में बच्चों समेत कम से कम 13 लोगों की मौत हुई है। तालिबान के कई लड़ाके भी जख्मी हुए हैं। वहीं, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक विस्फोट का कारण आत्मघाती हमला है। वाइट हाउस के अधिकारियों ने काबुल ब्लास्ट के बारे में राष्ट्रपति जो बाइडन को ब्रीफ किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने सिर्फ एक ब्लास्ट की पुष्टि की है लेकिन तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसके सैनिकों ने दो बड़े धमाकों की आवाज सुनी है।
15 लोगों के घायल होने की खबर
घटना के वक्त एयरपोर्ट के बाहर हजारों की संख्या में अफगान नागरिक मौजूद थे। ऐसे में हताहतों की संख्या काफी बढ़ सकती है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, धमाके की चपेट में आने से 15 लोग घायल हुए हैं। हालांकि, इनकी संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है।
अमेरिकी रक्षा मंंत्रालय ने क्या कहा?
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि हम काबुल हवाई अड्डे के बाहर विस्फोट की पुष्टि कर सकते हैं। इस समय हताहतों की संख्या स्पष्ट नहीं है। जब हम कर सकते हैं हम अतिरिक्त विवरण प्रदान करेंगे।
पहले से ही था हमले का अंदेशा
दो दिन पहले ही अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला हो सकता है। तालिबान ने भी बताया था कि उसने आईएसएआईएस के चार लड़ाकों को एयरपोर्ट के बाहर रेकी करते हुए पकड़ा है। आज सुबह से काबुल एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी थी। तालिबान ने भी लोगों से वहां से हटने के लिए कहा था।
आईएसआईएस पर हमले का शक
आशंका जताई जा रही है कि इस आत्मघाती हमले के पीछे आईएसआईएस का हाथ है। इस आतंकी संगठन ने पहले ही तालिबान के खिलाफ काफी जहर उगला था। आईएसआईएस के समर्थक सोशल मीडिया पर तालिबान के खिलाफ जमकर प्रचार कर रहे हैं। आईएसआईएस ने तालिबान को अमेरिका का पिट्ठू करार दिया था।
अमेरिका, ब्रिटेन ने जारी किया था अलर्ट
आतंकी हमले के खतके को देखते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को एयरपोर्ट से दूर रहने की सलाह दी थी। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि अमेरिकी सैनिकों की 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से पूर्ण वापसी की समयसीमा तक सभी विदेशी नागरिकों को निकाला नहीं जा सकेगा। तालिबान ने भी स्वीकृति दी है कि वह 31 अगस्त के बाद भी अफगानिस्तान छोड़ने वाले लोगों को एयरपोर्ट तक आने में मदद देगा।