नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को विकसित करने वाली हैदराबाद की कंपनी बायोटेक ने कहा है कि कि दुनिया भर में कोवैक्सीन का इंसानी शरीर पर होने वाले असर का सही सही पता लगाने के लिए इसके चौथे फेज का परीक्षण किया जा रहा है। ऐसा करने के पीछे कंपनी का मकसद वैक्सीन की सुरक्षा, उसकी प्रभावशीलता, उसका उत्पादन और उसकी गुणवत्ता को बेहतर करना है। कंपनी के मुताबिक वो तीसरे चरण के परीक्षण से आने वाले नतीजों को जुलाई में सार्वजनिक कर देगी।
भारत बायोटेक के मुताबिक तीसरे फेज के ट्रायल का डाटा सबसे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को दिया जाएगा। इसके बाद ही इस डाटा को अन्य एनालिटिकल मैग्जीन के लिए दिया जाएगा, जिसे तीन माह के अंदर पब्लिश करना होगा। इसके बाद ही क्लीनिकल टेस्ट संबंधी आंकड़ों को सार्वजनिक किया जा सकेगा। इसके बाद कंपनी इस वैक्सीन के पूर्ण लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी।
भारत बायोटेक का कहना है कि सभी निष्क्रिय वायरस आधारित वैक्सीन ने वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा रिकॉर्ड का प्रदर्शन किया है। आपको बता दें कि पोलियो, जापानी इंसेफलाइटिस, रेबीज, हेपेटाइटस ए की वैक्सीन भी निष्क्रिय वायरस पर आधारित हैं। वहीं चिकनगुनिया, जीका वायरस और डेंगू के लिए भी इसी तकनीक के आधार पर वैक्सीन बनाने की कोशिशें चल रही हैं।
कंपनी ने उस रिसर्च रिपोर्ट को बेतुका करार दिया है जिसमें कहा गया था कि कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड अधिक एंटीबॉडीज बनाती है। इस शोध को कोरोना वायरस इंड्यूस्ड एंटी बॉडीज टीट्रे (कोवेट) ने किया था। ये रिपोर्ट उन हैल्थ वर्कर्स पर हुए शोध पर आधारित थी जिसमें उन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक ली थीं।
बीते सप्ताह सामने आई इस रिपोर्ट पर भारत बायोटेक ने अब अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंपनी की तरफ से कहा गया है कि कोवैक्सीन को कोविशील्ड के सामने कम एंटीबॉडीज बनाने वाली वैक्सीन बताने वाली रिपोर्ट में काफी सारी खामियां हैं। कंपनी की तरफ से ये भी कहा गया है कि इस रिपोर्ट की अब तक समीक्षा भी नहीं हुई है और न ही ये वैज्ञानिक और सांख्यिकी रूप से एक व्यवस्थित रिपोर्ट है। लिहाजा ऐसी रिपोर्ट के आधार पर किसी तरह का निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं है।
हाल ही में सामने आई इस रिपोर्ट के बाद कहीं न कहीं दोनों वैक्सीन को लेकर बहस भी शुरू हो गई है। हालांकि रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने साफ किया है कि दोनों ही वैक्सीन वायरस पर प्रभावी हैं और दोनों ने ही अच्छे रिजल्ट दिए हैं।