गदरपुर : आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पूरी तरह कमर कस ली है। इसके लिए ऊधमसिंह नगर के गदरपुर में एनडीआरएफ की 15वीं बटालियन को मुस्तैद किया गया है। बटालियन के आने से राज्य के किसी भी जिले में बाढ़ या बादल फटने जैसी आपदा से लोगों को तुरंत राहत पहुंचाई जा सकेगी।
उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति मैदानी राज्यों की अपेक्षा भिन्न है। पहाड़ में मई से सितंबर के दौरान बादल फटने के मामले आते हैं। इससे काफी जान माल का नुकसान होता है। वहीं आवागमन भी प्रभावित होता है। ऐसी स्थिति में आवश्यक वस्तुएं पहाड़ पर नहीं पहुंच पाती तो लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस बार दो माह पहले पहाड़ के कई जिलों के जंगलों में आग लगी थी। जिसे बुझाने के लिए एनडीआरएफ टीम को बुलानी पड़ी थी।
आपदा आने के बाद राज्य सरकार केंद्र सरकार से एनडीआरएफ की मांग करती थी तो फौरन राहत नहीं मिल पाती थी, लेकिन अबकी बार राज्य सरकार अब पहले से ही आपदा से निपटने की तैयारी पूरी कर ली है। राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की 15वीं बटालियन भेज दी है। जिसे गदरपुर स्थित चीनी मिल परिसर में ठहराया गया है। बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ की 15वीं बटालियन यहीं पर रहेगी।
बटालियन को प्रशासनिक भवन सहित आवासी कॉलोनी व चीनी मिल परिसर सौंपा गया है। ऐसे में कुछ दिन पहले चीनी मिल पुन: चलाए जाने की संभावना जताई जा रही थी, मगर एनडीआरएफ की बटालियन को ठहरने की सुविधा मुहैया कराने से फिलहाल चीनी मिल शुरू होने की संभावना पर पानी फिर गया है। बताया जा रहा है कि जरूरत पडऩे पर उत्तर प्रदेश में भी आपदा प्रभावितों को बचाने के लिए टीम जाएगी। एनडीआरएफ के कमांडेंट के दराल ने बताया कि बटालियन में 1150 जवान हैं। इस वक्त कुछ जवान ट्रेङ्क्षनग में गए हुए हैं। जल्द वापस लौट आएंगे।
उत्तर प्रदेश उत्तराखंड दोनों राज्यों को मिलेगा फायदा
चीनी मिल में पहुंची एनडीआरएफ की टीम आपदा के समय उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी कार्य करेगी। पहाड़ के चार जिलों में एनडीआरएफ के जवान मौजूद हैं। बटालियन के कमांडेंट एसके दराल ने बताया कि इस समय बटालियन के जवान अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली व उत्तरकाशी में भी तैनात हैं, जो किसी भी समय आई आपदा से निपटने के लिए तैयार हैं।