नीरज शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का नया कारनामा सामने आया है पावर कारपोरेशन ने किसान के यहां नलकूप कनेक्शन लगाए बगैर ही 26 हज़ार 385 रुपये का बिजली बिल भेज दिया, आश्चर्यजनक बात यह है कि 1 महीने में बिजली के बिल में उपभोग की यूनिट शून्य दर्शाई गई है। मामले की शिकायत पीड़ित किसान ने उत्तर प्रदेश के सीएम से की, तो विद्युत विभाग के अधिकारियों ने गलती स्वीकारते हुए इसे कार्यालय सहायक की गलती बता कार्रवाई करने का दावा कर रहे है।
बुलंदशहर के गांव नवादा के किसान मनोहर सिंह ने बताया कि ना तो खेत पर बिजली का खम्बा है, न ही बिजली का तार। बिजली का नलकूप कनेक्शन न होने के कारण अभी तक ट्यूबवेल भी नही लगा है, इसके बावजूद पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने 26385 रुपये का बिजली बिल भेज दिया है।
दरअसल किसान मनोहर सिंह ने 8 सितंबर 2018 को सामान्य योजना के तहत नलकूप लगवाने के लिए बिजली कनेक्शन को आवेदन किया था, जिसके आवेदन की रसीद संख्या 50/026215 थी. इस योजना के तहत मनोहर ने नलकूप के लिए 9 हजार 800 रुपये का शुल्क भी जमा किया था, मगर जब बिजली का कनेक्शन नही लगा, ओर बिल आया तो पीड़ित किसान ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की, जिसके बाद पीड़ित किसान को 19 अगस्त 2020 को उनका आवेदन 60 वें नंबर पर होना बताया गया, लेकिन उसके दूसरे ही दिन यानी 20 अगस्त को उनके पास बिना कनेक्शन 26 हजार 385 रुपये का बिल भेज दिया गया।
मामले में आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने डीएम बुलंदशहर को ट्वीट कर लिखा कि- ‘अजीबोगरीब स्थिति ! मनोहर सिंह s/o बन्ने सिंह, ग्राम नवादा PO बिरंडी ताजपुर ने 08/09/18 को निजी नलकूप कनेक्शन हेतु आवेदन किया, अब तक उन्हें आवंटन नही हुआ है. बिजली विभाग ने IGRS में अभी हाल में 19/08/20 को उनका आवेदन 60 नंबर पर बताया पर अगले दिन 20/08 को बिना कनेक्शन उन्हें रु 26385 का बिल भेज दिया.निश्चित रूप से अत्यंत आपतिजनक है. कृपया कठोर कार्यवाही कर न्याय दें।
मामले को लेकर जहाँ पीड़ित किसान का दावा है कि पावर कारपोरेशन के अधिकारियों ने उसके नाम पर कनेक्शन दर्शाकर विधुत विभाग से जारी समान कही और बेच दिया है, पीड़ित किसान ने मामले की जांच कर कार्यवाही की मांग की है।
पावर कारपोरेशन के मुख्य अभियंता स्वीकार कर रहे हैं कि उनके कार्यालय सहायक की गलती से किसान को गलत बिल निर्गत कर दिया गया है , अब कार्यालय सहायक के खिलाफ कार्यवाही करने का दावा भी कर रहे हैं और पीड़ित किसान का बिल भी खत्म कराए जाने की बात कह रहे हैं।