नई दिल्ली। साल 2017 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के डेटा के मुताबिक, भारत में 8 में से एक इंसान हाइपरटेंशन से जूझ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डेटा के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 1.13 अरब लोग हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ हैं। उच्च रक्तचाप के बढ़ते प्रसार के बावजूद, लोग इसके बारे में सही तरीके से नहीं जानते हैं।
आइए एक नज़र डालते हैं हाइपरटेंशन से जुड़े आम मिथक:
मिथक: उम्र के साथ हाइपरटेंशन से बचाव मुश्किल हो जाता है।
सच्चाई: उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन से बचाव मुश्किल नहीं है और न ही यह उम्र बढ़ने के साथ होने वाली सामान्य बीमारी है। हालांकि, उच्च रक्तचाप उम्रदराज़ लोगों में आमतौर पर देखा जाता है, लेकिन मध्यम आयु वर्ग और युवा लोग भी इसके शिकार हो सकते हैं।
मिथक: हाइपरटेंशन गंभीर बीमारी नहीं है।
सच्चाई: हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। अगर इसका सही तरीके से इलाज न हो, तो स्वास्थ्य पर जोखिम बढ़ जाता है। हाइपरटेंशन का सही इलाज न होने पर दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी से जुड़ी बीमारी, हार्ट फेलियर, आंखों की रौशनी का जाना, यौन रोग और पेरीफेरल आर्ट्री डिसीज़ जैसी बीमारियां होने का ख़तरा होता है।
मिथक: अगर आपको परिवार में पहले से किसी को हाइपरटेंशन की शिकायत है, तो आपको भी होगी, इसके लिए आप कुछ नहीं कर सकते।
सच्चाई: हाइपरटेंशन कई मामलों में जेनेटिक होता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे बचाव संभव नहीं है। यह लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है, जो ख़राब डाइट और फिज़िकल एक्टिविटी की कमी के कारण हो सकती है।
मिथक: अगर आपको उच्च रक्तचाप की बीमारी है, तो इसके लक्षण साफ तौर पर दिखाई देंगे।
सच्चाई: उच्च रक्तचाप का पता लगाने का एकमात्र तरीका रक्तचाप को मापना है। अगर किसी को हाइपरटेंशन है, तो उसमें कोई संकेत या लक्षण नज़र नहीं आएंगे। कई लोगों को पता ही नहीं चलता है कि वे हाइपरटेंशन से जूझ रहे हैं।
मिथक: हाइपरटेंशन का इलाज है।
सच्चाई: हाइपरटेंशन का कोई इलाज नहीं है, हालांकि, इसे नियंत्रण करने के तरीके होते हैं ताकि आपके शरीर को पहुंचने वाले नुकसान को कम किया जा सके। आप शराब के सेवन को कम कर, सेहतमंद डाइट लेकर, व्यायाम कर, तनाव को मैनेज कर, धूम्रपान छोड़कर, हेल्दी वज़न को बनाए रखकर और दवाइयां समय पर लेकर इसे कंट्रोल में रख सकते हैं।
मिथक: अगर आप नमक का सेवन नहीं करते हैं, तो आपको हाइपरटेंशन का जोखिम नहीं है
सच्चाई: WHO स्वस्थ शरीर के लिए प्रतिदिन 5 ग्राम नमक का उपयोग करने की सलाह देता है। लेकिन सिर्फ नमक के सेवन को सीमित करना पर्याप्त नहीं होता। ब्रेड, पिज्ज़ा, सैंडविच, मांस, सूप, टाकोस, चिप्स, पॉपकॉर्न, चिकन, चीज़ और अंडे खाने से भी नमक का सेवन बढ़ता है। सी-सॉल्ट या कोशेर नमक कैमिकली आम नमक की तरह ही होते हैं, इसलिए इन्हें खाना कम हानीकारक नहीं होता।