एक ओर प्रदेश पुलिस के मुखिया ओपी सिंह नए थाने का उद्घाटन कर कानून व्यवस्था को पुख्ता और नोएडा को आदर्श जिला बनाने की बात कर रहे थे, वहीँ दूसरी ओर पुलिस के एनकाउंटरों के बावजूद बेख़ौफ़ बदमाशों ने उत्तर प्रदेश के बड़े भूमाफिया मोती गोयल की थाना 49 क्षेत्र में स्थित शताब्दी विहार में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर डीजीपी के दावों की पोल खोल कर रख दी।
शताब्दी विहार में इसी प्लाट पर बाइक पर आए दो अज्ञात बदमाशो ने भूमाफिया मोती गोयल की गोली मारकर हत्या कर दी। एक विवादित प्लाट को लेकर मोती गोयल का कुछ लोगों का विवाद चल रहा था और मोती गोयल स्वय अपनी देख-रेख में निर्माण करा रहे थे। तभी बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया।
प्रदेश पुलिस के मुखिया ओपी सिंह के आवोभगत में लगे पुलिस के आलाअधिकारी को इस हत्या की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया अधिकारी ने मौके पर पहुँच कर मामले की जांच शुरू कर दी। शुरुआती जाँच के मुताबिक उसे 7 गोलियां लगी है, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अधिकारी ये तबदीश करने में जूटे है, कि हत्या करने वाले कौन लोग हैं, और हत्या के पीछे का सच क्या है, इस बारे में परिवार और उनके जानने वालों से पूछताछ की जा रही है।
मोती गोयल का नाम पहली बार 2002 में उस समय चर्चा में आया था, जब उसने अर्थला गांव के रकबे की करीब 52 हेक्टेयर सरकारी जमीन जिसकी कीमत 520 करोड़ रुपये आंकी गई थी पर फर्जी तरीके से कब्जा कर लिया था। इस मामले में राजस्व अधिकारी की शिकायत पर गाजियाबाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के आदेश पर मामला सीबीआई के सुपुर्द हुआ। एक दूसरे मामले में गाजियाबाद के शालीमार गार्डन में सरकारी जमीन पर भूमाफिया अशोक छाबड़ा ने फ्लैट बनाकर बेच दिया था। इसके जांच तत्कालीन एसडीएम ने की थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था, कि गाजियाबाद जिला बनने के बाद 500 खतौनी गायब हुई है। इनमें सबसे अधिक खतौनी गाजियाबाद सदर तहसील की थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि भूमाफिया मोती गोयल और अशोक छाबड़ा ने सरकारी जमीन हड़पने के लिए 1952 के बाद बने सरकारी रेकॉर्ड में गड़बड़ी करा ली थी। दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे के सामने राकेश गोयल और मोती प्लाइवुड लिमिटेड ने 66 हजार वर्गमीटर जमीन गलत तरीके से कथित नीलामी में हड़प ली थी। उस नीलामी को बाद में हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था।
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