लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए रविवार को पंजीकरण का आखरी दिन था। नीट यूजी काउंसलिंग 2020-21 के तहत एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए करीब 18 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले अभ्यर्थी मंगलवार तक अपने मनपसंद कॉलेज को चुनने के लिए ऑनलाइन च्वाइस भर सकेंगे। उन्हें च्वाइस औक मेरिट के आधार पर सीट आवंटित की जाएगी। 11 नवंबर को सीट आवंटन का परिणाम जारी किया जाएगा। 12 नवंबर से अभ्यर्थी सीट आवंटन पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। 18 नवंबर तक अभ्यर्थी आवंटित कॉलेज में दाखिला ले सकेंगे। 22 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और 29 निजी मेडिकल कॉलेजों में इस बार 1178 सीटें बढ़ाई गई हैं। अब सीटें बढ़कर 7,078 हो गई है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के 24 निजी मेडिकल और 19 डेंटल कॉलेजों में शैक्षिक सत्र 2020-21 की फीस तय कर दी गई है। एमबीबीएस कोर्स के लिए न्यूनतम 10.40 लाख रुपये से लेकर अधिकतम 12.72 लाख रुपये तक वार्षिक फीस निर्धारित की गई है। वहीं, बीडीएस कोर्स की फीस न्यूनतम 2.93 लाख रुपये से लेकर अधिकतम 3.65 लाख रुपये सालाना तय की गई है। फीस नियममन कमेटी ने 10 प्रतिशत से लेकर 20 फीसद तक शुल्क में इस बार बढ़ोतरी की है। निजी कॉलेजों के संसाधन, उनके खर्चे और महंगाई को देखते हुए कमेटी ने फीस तय की है।
एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेज के विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ-साथ हॉस्टल, सिक्योरिटी डिपॉजिट और डेवलपमेंट फीस सहित अन्य शुल्क भी अलग से देने होंगे। एमबीबीएस के विद्यार्थियों को हॉस्टल में एसी रूम का 1.75 लाख रुपये, नॉन एससी रूम का 1.50 लाख रुपये वार्षिक शुल्क, तीन लाख रुपये सिक्योरिटी डिपॉजिट व 80 हजार रुपये विविध शुल्क देना होगा। वहीं, बीडीएस के विद्यार्थियों हॉस्टल में एसी रूम का 1.05 लाख, नॉन एसी रूम का 85 हजार रुपये वार्षिक शुल्क, तीन लाख रुपये सिक्योरिटी डिपॉजिट व 40 हजार रुपये विविध शुल्क देना होगा। सिक्योरिटी डिपॉजिट बाद में वापस कर दी जाएगी।