जयपुर । अनलॉक 3 की गाइडलाइन के मुताबिक अभी राजनीतिक सभाओं पर रोक लगी हुई है, लेकिन ऐसा लगता है कि राजस्थान में कानून अपना काम करेगा, लेकिन कांग्रेस के खिलाफ नहीं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का किसी भी आपराधिक घटना पर यह बयान आता है कि कानून अपना काम करेगा। लेकिन जब बात कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरफ से अनलॉक-3 के नियमों के उल्लंघन की हो तो, पुलिस प्रशासन को सांप सूंघ जाता है।
चाहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के पीसीसी चीफ का पदभार ग्रहण समारोह का मामला हो, या अब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश गोघरा के पदभार ग्रहण समारोह का मामला। यहां पर सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां जमकर उड़ी।
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की भीड़ की मौजदूगी में घोघरा का पदभार ग्रहण समारोह हुआ। यही हाल पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के पदभार ग्रहण समारोह में हुआ था। लेकिन खुद मुख्यमंत्री की मौजूदगी की वजह से पुलिस प्रशासन क्या कार्रवाई करें, क्योंकि गृह विभाग के मुखिया तो खुद ही मुख्यमंत्री है।
यूं तो आम आदमी जिससे घर किसी खुशी के मौके पर 50 से ज्यादा लोग इकठ्टे हो जाए, तो पुलिस-प्रशासन भारी जुर्माना ठोक देता है। या घर के पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए अनुमति देने के नाम पर भी प्रशासन के लोग रिश्वत मांगने से भी नहीं चूकते है। ऐसी स्थिति में आम जनता को पुलिस प्रशासन कानून कायदों का पाठ पढ़ाता है, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के आगे यह नियम सिर्फ कागजी रह जाते है।