अयोध्या। करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक अयोध्या के श्रीराम मंदिर के निर्माण की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। इसी बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास नाराज हो गए हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक आज अयोध्या में दोपहर तीन बजे से सर्किट हाउस में होगी। इसमें श्रीराम मंदिर के शिलान्यास की तारीख की घोषणा हो सकती है। इसी साथ ही मंदिर के आधारशिला रखने के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने पर भी चर्चा होगी। इसी बैठक में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की रुपरेखा भी तय की जा सकती है। फिलहाल बैठक की तैयारियां पूरी हो चुकी है। इसमें शामिल होने के लिए अधिकांश ट्रस्टी भी अयोध्या पहुंच चुके हैं।
ट्रस्ट के अध्यक्ष मणिराम दास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट की आज दोपहर तीन बजे से सर्किट हाउस में प्रस्तावित बैठक की औपचारिक सूचना नहीं मिली है। इसी कारण वह नाराज हैं। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय उनको बैठक की जानकारी देना भूल गए। अध्यक्ष की नाराजगी का कारण पता चलने पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय उनको मनाने मणिराम दास जी की छावनी पहुंचे हैं। उन्होंने महंत नृत्य गोपाल दास से अपनी गलती मानने के साथ क्षमा भी मांगी है।
ट्रस्ट की बैठक के एजेंडे की जानकारी नहीं: महंत नृत्य गोपाल दास
राम मंदिर को लेकर आज होने वाली बैठक के एजेंडे को लेकर महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि इसकी उनको कोई जानकारी नहीं है। मणि दास छावनी में उनके उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि महंत जी के नाराजगी की कोई बात नहीं है। बैठक से दो दिन पहले 16 जुलाई को ट्रस्ट के पदाधिकारियों की मौजूदगी में सॢकट हाउस में अनौपचारिक बैठक के जरिए इस बैठक का एजेंडा तय किया जा चुका है। वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष और श्री मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा है कि उन्हेंं बैठक के विषय को लेकर जानकारी नहीं है। महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि अब ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे, तभी कुछ कहा जा सकता है। ट्रस्ट के अध्यक्ष से जब बैठक में होने वाले संभावित विषय को लेकर चर्चा की गई, तो उन्होंने कहा बैठक में किस विषय पर चर्चा होनी है, इस बात की जानकारी उन्हेंं नहीं दी गई है।
महंत नृत्य गोपाल दास की नाराजगी की बात आई सामने
बैठक के एजेंडे के बारे में जानकारी न होने से महंत नृत्य गोपाल दास की नाराजगी की बात सामने आई है। इसकी जानकारी होते ही ट्रस्ट के महासचिव चंपत और टेस्ट का वित्तीय कार्यभार देख रहे डॉ. अनिल मिश्रा श्री रामदास छावनी पहुंचे। उनके साथ चर्चा के बाद महंत ने बैठक में शामिल होने का निर्णय लिया। मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि महंत जी के नाराजगी की कोई बात नहीं है। अब अवस्था के चलते कई बातों को वह समझ नहीं पाते, जिसके चलते उन्होंने एजेंडे के विषय में जानकारी न होने की बात कही थी। ट्रस्ट की बैठक से आधे घंटे पहले दोपहर 2:30 बजे सर्किट हाउस में पहुंच जाएंगे। पदाधिकारियों के साथ बैठक में शामिल होंगे।
बैठक सर्किट हाउस में प्रस्तावित
रामनगरी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक दोपहर तीन बजे से सर्किट हाउस में प्रस्तावित है। अब रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की सदियों पुरानी और करोड़ों रामभक्तों की चिर साध पूर्ण करने का दारोमदार इसी बैठक पर होगा। बैठक में मंदिर निर्माण के भूमिपूजन की तारीख और भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने के साथ ही साथ मंदिर के आकार-प्रकार को लेकर भी अंतिम निर्णय होना है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उसी मॉडल के अनुरूप मंदिर निर्माण की तैयारी में है, जिसे रामजन्मभूमि न्यास की ओर से तीन दशक पूर्व प्रस्तुत किया गया था।
ट्रस्ट के सामने भगवान राम के अद्भुत-अद्वितीय किरदार की तरह उनकी जन्मभूमि पर अद्भुुत-अद्वितीय मंदिर निर्माण की मांग का दबाव है। अब बैठक में इस बारे में भी विचार संभावित है। बैठक को लेकर होमवर्क बुधवार से ही बयां होने लगा था, जब बीएसएफ के सेवानिवृत्त डीजी एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी एवं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षा प्रभारी रहे केके शर्मा ने रामजन्मभूमि एवं मंदिर निर्माण कार्यशाला का जायजा लिया। ट्रस्ट की बैठक के साथ शर्मा को रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की कमान सौंपी जा सकती है। बुधवार को ही देर शाम ट्रस्ट की भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे नृपेंद्र मिश्र भी अयोध्या में डटे हुए हैं।
पांच अगस्त को रखी जा सकती है आधारशिला
कोरोना की वैश्विक महामारी को देखते हुए पीएमओ की ओर से 25 दिसम्बर गीता जयंती की तिथि तय की जा रही थी, लेकिन राम मंदिर निर्माण कार्य में काफी विलम्ब हो जाने की आशंकाओं को लेकर ट्रस्ट की ओर से शीघ्रातिशीघ्र समय तय करने का आग्रह किया गया था। इसके बाद भाद्र पद द्वितीया तदनुसार पांच अगस्त दिन बुधवार की तिथि को हरी झंडी मिल गयी। इस तिथि पर भी वर्चुअल ढंग से ही भूमि पूजन की बात थी लेकिन एक जुलाई को ट्रस्ट के अध्यक्ष व मणिराम छावनी पीठाधीश्वर महंत नृत्यगोपाल दास महाराज द्वारा संत समाज की ओर से भेजे गये पत्र के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उपस्थित होने का निर्णय लिया है। इसकी अधिकारिक घोषणा ट्रस्ट की बैठक में मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र करेंगे। इसके बाद भूमि पूजन की तिथि पर ट्रस्टीगण अपनी मुहर लगाएंगे और भी फिर सार्वजनिक घोषणा ट्रस्ट के माध्यम से ही की जाएगी। अयोध्यावासी चाहते हैं पीएम मोदी जल्दी यहां आएं और राम काज की शुरुआत करें। सभी साधु संत और सभी राम भक्तों की पीएम से एक ही अपील है कि वो अयोध्या जरूर आएं। प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम आज तक रामनगरी नहीं गए हैं। मौके कई आए, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का यहां पहुंचना संभव नहीं हो पाया। ऐसे में भूमि पूजन की बात आने के बाद एक बार फिर अयोध्यावासियों की उम्मीद है प्रधानमंत्री रामनगरी पधारें।अयोध्या के साधु संत से लेकर मौलवी मौलाना भी ऐसी ही राय रखते हैं।
इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सर कार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल ने भी यहां डेरा डाल दिया है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत भी आ सकते हैं। बैठक को लेकर ट्रस्टी व हरिद्वार के वयोवृद्ध संत युगपुरुष स्वामी परमानंद महाराज यहां देर शाम पहुंच गए हैं। उनके लिए रामघाट स्थित श्रीरामचरित मानस भवन में कमरा आरक्षित किया गया है। इसी तरह महाराष्ट्र से ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि भी यहां शुक्रवार को सुबह ही पहुंच गये लेकिन वह अपने करीबी संत के आश्रम में ठहरे हैं। इसके अलावा मंदिर आंदोलन के दौर में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल भी अपराह्न यहां पहुंच गये हैं। इस बीच मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के साथ प्रथम पाली में रामलला का दर्शन किया। वहीं शाम को ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में बैठक भी की।
गोविंद देव गिरि और कामेश्वर चौपाल भी पहुंचे अयोध्या
ट्रस्ट के कुल 15 सदस्यों में से ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास, महासचिव चंपत राय, पदेन सदस्य जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्र, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास एवं डॉ. अनिल मिश्र के रूप में छह सदस्य स्थानीय ही हैं। ट्रस्ट की भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र बुधवार को ही अयोध्या पहुंच चुके हैं। वहीं अन्य सदस्य गोविंद देव गिरि शुक्रवार को सुबह नौ बजे और कामेश्वर चौपाल तीसरे पहर पहुंच गए। रात तक युगपुरुष स्वामी परमानंद के पहुंचने का इंतजार होता रहा। दो अन्य सदस्य एवं प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी तथा गृह विभाग के एडीशनल सेक्रेटरी ज्ञानेश कुमार शनिवार को सुबह अयोध्या पहुंचे।
बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे तीन सदस्य
कोरोना संकट के बीच स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से ट्रस्ट के तीन सदस्य बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिरकत करेंगे। इनमें दिग्गज अधिवक्ता के. परासरन, उडुपी के शंकराचार्य विश्व प्रपन्नाचार्य एवं स्वामी वासुदेवानंद शामिल हैं।
देर शाम तक चलता रहा विचार-विमर्श
सर्किट हाउस में ठहरे नृपेंद्र मिश्र शुक्रवार सुबह रामलला का दर्शन करने गए, लेकिन बमुश्किल घंटा भर के भीतर वापस सर्किट हाउस पहुंच गए। इसके साथ ही ट्रस्ट के अन्य सदस्यों का सर्किट हाउस में जमावड़ा शुरू हुआ। दोपहर से शाम सात बजे तक बैठक के एजेंडे को लेकर मंत्रणा होती रही। इससे पहले गुरुवार को भी नृपेंद्र मिश्र की मौजूदगी में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित ट्रस्ट के सदस्य जिलाधिकारी अनुजकुमार झा, अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्र एवं डॉ.अनिल मिश्र ने सर्किट हाउस में बैठक के संभावित एजेंडे को लेकर घंटों मंत्रणा की। यह सिलसिला शुक्रवार को भी चला।