नोएडा। सुपरटेक एमरॉल्ड सोसाइटी की आरडब्ल्यूए अवैध रूप से बने टावरों को गिराने की कार्रवाई शुरू नहीं होने से निराश है। आरडब्ल्यूए ने एक दिसंबर को इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की याचिका दायर करने की तैयारी कर ली है।
सुपरटेक एमरॉल्ड में अवैध रूप से बने टावरों को गिराने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाली आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष राजेश राणा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 30 अगस्त को दिए गए आदेश के अनुसार ये दोनों टावर 30 नवंबर से पहले गिराए जाने थे, लेकिन अभी तक यह भी तय नहीं हो सका है कि इन टावरों को गिराया किस तरीके से जाएगा। ये टावर कब तक गिरेंगे, इसे लेकर भी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है।
उन्होंने कहा कि बीते तीन माह में नोएडा प्राधिकरण ने एक बार भी आरडब्ल्यूए को इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है। इसे लेकर भी सदस्यों में नाराजगी है। आरडब्ल्यूए की ओर से सोमवार को भी एक पत्र नोएडा प्राधिकरण को भेजा गया है, जिसमें पूछा गया कि यह टावर आखिर कब तक और कैसे गिराए जाने हैं। आरडब्ल्यूए द्वारा एक दिसंबर को इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की याचिका दायर की जाएगी।
660 परिवारों की बेचैनी बढ़ी
सुपरटेक एमरॉल्ड आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष ने कहा कि सोसाइटी में इन दो टावरों के अलावा 15 टावर और हैं। इन 15 टावरों में 660 परिवार रहते हैं। इन सभी परिवारों की नींद पिछले तीन माह से उड़ी हुई है। उन्हें चिंता सता रही है कि जब यह टावर ध्वस्त होंगे तो इसका उनके टावरों और फ्लैटों पर कितना असर पड़ेगा, लेकिन इस संबंध में उन्हें कोई भी कुछ नहीं बता रहा है। वह प्राधिकरण के अधिकारियों से भी मांग कर चुके हैं कि ध्वस्तीकरण को लेकर जो टीम बनी है, उसमें आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। मगर उनके प्रतिनिधियों को इस टीम में शामिल नहीं किया गया है और न ही उन्हें किसी तरह की कोई जानकारी दी जाती है।
प्राधिकरण जारी कर चुका बिल्डर को नोटिस
सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परियोजना में बने टिवन टावर को गिराने में महज एक सप्ताह का समय शेष है, लेकिन अभी तक सुपरटेक ने कोई एक्शन प्लान नोएडा प्राधिकरण में जमा नहीं किया है। इसे लेकर नोएडा प्राधिकरण की ओर से बिल्डर को नोटिस जारी किया जा चुका है और प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में भी जवाब देने की तैयारी कर ली है। नोएडा प्राधिकरण बिल्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। एसीईओ नेहा शर्मा का कहना है कि रिपोर्ट में बताया जाएगा कि टावर गिराने के नाम पर बिल्डर ने किस-किस स्तर पर लापरवाही बरती। बिल्डर ने न्यायालय के आदेश को भी गंभीरता से नहीं लिया।