नोएडा | सुपरटेक बिल्डर को एमरॉल्ट कोर्ट की परियोजना में पर्यावरण अनापत्ति और स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट के बिना अधिभोग प्रमाणपत्र जारी किया गया था। यह खुलासा एसआईटी की रिपोर्ट में हुआ है। विजिलेंस इस आधार पर जांच का दायरा बढ़ा सकती है। इससे अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
नोएडा प्राधिकरण ने इस दौरान सबसे ज्यादा ग्रुप हाउसिंग भूखंडों का आवंटन किया था। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच में सामने आया था कि 20 जून 2005 और 29 दिसंबर 2006 को स्वीकृत किए गए प्रथम लेआउट और प्रथम रिवाइज लेआउट प्लान के के बाद स्टेट लेवल इनवायरमेंटल इपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी ने 23 मई 2008 को योजना पर 1,22,684 वर्ग मीटर बिल्टअप एरिया के लिए इनवायरमेंटल अस्समेंट नोटिफिकेशन 2006 के प्रावधानों के अनुसार इंवायरमेंटल क्लीयरेंस जारी किया था। लेकिन 26 नवंबर 2009 और 2 मार्च 2012 को बढ़े हुए बिल्टअप एरिया के लिए दिए गए दोनों रिवाइज प्लान के बाद व निर्माण से पहले इनवारमेंटल क्लीयरेंस के बिना अधिभोग प्रमाणपत्र जारी किया गया।
सर्टिफिकेट नहीं देने पर भी कार्रवाई नहीं
इसी तरह पर्चेबल एफएआर के बाद टावरों में अधिक तलों के निर्माण के कार्य के लिए अधिभोग प्रमाणपत्र के दौरान स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके बाद भी नोएडा प्राधिकरण ने निर्माण पर कोई एक्शन नहीं लिया। इस मामले में नोएडा प्राधिकरण कि नियोजन सेल के अधिकारी को निलंबित किया गया। इस तर्ज पर अन्य परियोजनाओं में नियमों की अनदेखी किए जाने की आशंका है। जो अब विजिलेंस की जांच में सामने आ सकती है।