सुपरटेक: सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर एपेक्स-सियान के निर्माण के साथ प्राधिकरण की सात हजार वर्ग मीटर अविकसित ग्रीन बेल्ट पर अवैध कब्जा किया गया। इसकी पुष्टि होने के बाद अब प्राधिकरण जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। जल्द ही वर्क सर्किल दोनों टावरों के मुख्य गेट को ध्वस्त कर, जेनरेटर हटाकर अविकसित ग्रीन बेल्ट पर कब्जा लेगा। उसकी चारदीवारी कर पार्क विकसित करने के लिए उद्यान खंड तीन को सौंपेगा। यही नहीं 16 वर्ष तक अविकसित ग्रीन बेल्ट को कब्जे में लेकर उपयोग करने के मामले में सुपरटेक से 22 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से इस सात हजार वर्ग मीटर जमीन की करीब 16 करोड़ रुपये कीमत को चक्रवृद्धि ब्याज के साथ वसूल करने का नोटिस जारी करेगा।
सूत्र बताते हैं कि सुपरटेक ने दोनों टावरों के निर्माण के दौरान प्राधिकरण की सात हजार वर्गमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है। जमीन पर सुपरटेक ने दोनों टावरों के लिए मुख्य गेट, फुटपाथ, जेनरेटर सेट रखने का स्थान बनाया है। यह सबकुछ एसआइटी की ओर से स्थलीय निरीक्षण के दौरान ही भांप लिया गया था। इसके बाद टीम ने दोनों टावर समेत पूरी सोसायटी का ड्रोन सर्वे कराने का निर्णय लिया था। जांच टीम का निर्णय भी सही साबित हुआ। बिल्डर ने प्राधिकरण की सात हजार वर्ग मीटर अविकसित ग्रीन बेल्ट पर अवैध कब्जा कर रखा था। इस बात की भनक तक प्राधिकरण के अधिकारियों को नहीं थी। प्राधिकरण अधिकारियों को जब इस बात की जानकारी हुई तब से जमीन वापसी को लेकर मंत्रणा चल रही है। जरूरत पड़ने पर लीगल टीम की मदद भी ली जा सकती है।
सूत्रों का कहना है कि सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ग्रुप हाउसिग परियोजना के लिए भूखंड संख्या जीएच-04 का आवंटन व मानचित्र स्वीकृत का प्रकरण 2004 से 2012 के बीच का है। सुपरटेक को दोनों टावरों के निर्माण के लिए दूसरी बार में सुपरटेक को छह हजार से ज्यादा वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई। इसी आवंटन की आड़ में बिल्डर ने उद्यान विभाग की एक अविकसित ग्रीन बेल्ट पर अवैध कब्जा किया था। जबकि नियमानुसार सीसीडी विभाग को अविकसित ग्रीन बेल्ट की चारदीवारी कर उद्यान विभाग को सौंपी जानी चाहिए थी, लेकिन सांठगांठ कर बिल्डर को सात हजार वर्गमीटर ज्यादा जमीन का लाभ उपलब्ध करा दिया गया। दोनों टावरों के प्रवेश के लिए बनाया गया गेट इसी जमीन पर है।