गाजियाबाद। क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसके सदस्य सिर्फ कृष्ण पक्ष में चोरी, लूट और डकैती करते हैं। कच्छा बनियान में शरीर पर तेल लगाकर वारदात करने निकलते हैं ताकि कोई पकड़ने का प्रयास करे तो हाथ फिसल जाए।
क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार रात हमदर्द चौराहा के पास मुठभेड़ के बाद दस बदमाश और एक सुनार को गिरफ्तार किया है, जो बदमाश मध्य प्रदेश के गुना में धरनावदा के खेजरा गांव के रहने वाले पारदी जनजाति के हैं। इसीलिए गिरोह को पारदी नाम से जाना जाता है।
डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित सलीम उर्फ सलीप उर्फ सलीक, वीरेंद्र पुवार उसका भाई अंबर पुवार व बब्बर उर्फ काला, चरण उर्फ बेचैन, ताऊ पारदी, राघव पारदी, धर्मेंद्र व टिनटिन, शिवपुरी (मध्य प्रदेश) के अजय गोगिया और करावलनगर (दिल्ली) का सुनार अमर वर्मा है।
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गिरोह ने 17 मई को नेहरूनगर के ओपी अग्रवाल के घर में घुसकर करीब 30 लाख की चोरी की थी। घर में लोगों के सोते हुए भी 100 किग्रा की अलमारी खींचकर लान में लाने के बाद वारदात को अंजाम दिया था। 21 मई को माडल टाउन में रजत सिंघल के घर से बदमाशों ने 15 लाख और 28 मई को ट्रोनिका सिटी में ललित कश्यप के घर से भी करीब 20 लाख रुपये की चोरी की थी।
तीनों वारदात खिड़की या दरवाजे की ग्रिल काटकर की गई थी। इनसे हाइड्रोलिक कटर, टार्च, चाकू, तमंचे, रिंच, सरिया व गुलेल के साथ चोरी किए 27 हजार रुपये, इंडोनेशिया, सऊदी अरब व थाईलैंड की करेंसी, लाखों रुपये के गहने, चांदी के बर्तन और कई दस्तावेज मिले हैं।
वारदात का तरीका
यह गिरोह गर्मियों की शुरुआत होते ही मार्च में गांव से चलता है शहरों में पहुंचकर पहले दुर्गा व लप्पा नाम के वरिष्ठ साथी खिलौने व गुब्बारे फेरी लगाकर बेचते समय रेकी करते हैं। यदि बंद मकान नहीं मिलते तो कम चहलकदमी वाले मकान को चिह्नित कर लेते हैं।
वारदात करने वाले कच्छा बनियान पहनकर शरीर पर तेल लगाते हैं और फिर बताए मकान पर पहुंचकर ग्रिल काटकर या ताला तोड़कर अंदर घुसते हैं। पूरा घर खंगालते हैं और चोरी कर फरार हो जाते हैं। यदि घर में लोग मिलते हैं तो बदमाशों की कोशिश होती है कि लोगों का पता न चले, जैसा नेहरूनगर और माडल टाउन वाली वारदात में हुआ। लोग जाग गए तो तमंचा व चाकू की नोक पर बंधक बनाकर लूट व डकैती को अंजाम देते हैं।