गंगटोक। सिक्किम में भारी बर्फबारी के चलते सैकड़ों पर्यटक फंस गए। जिसके बाद भारतीय सेना ने पर्यटकों को बचाने के लिए ऑपरेशन हिमराहट शुरू किया और देवदूत बनकर इन पर्यटकों को बचाकर उन्हें सुरक्षित स्थानों में ले जाया गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की मदद से त्रिशक्ति कोर के जवानों ने तत्काल प्रभाव से राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया। जिसको ऑपरेशन हिमराहट का नाम दिया गया।
900 पर्यटकों को सुरक्षित बचाया गया
भारतीय सेना के जवानों ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर भारी बर्फबारी के बीच नाथुला और त्सोमगो झील से गंगटोक जाने के रास्ते में फंसे लगभग 900 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया है।
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रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि शनिवार देर रात तक जवाहरलाल नेहरू रोड और नरेन्द्र मोदी मार्ग पर फंसे पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर द्वारा उन्हें गर्म कपड़े, चिकित्सा सहायता और गर्म भोजन उपलब्ध कराया गया।
उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में पर्यटकों ने सेना के शिविरों में रात बिताई, जबकि कई अन्य लोग सेना और पुलिस की मदद से गंगटोक पहुंचे। रविवार को सड़कों को साफ किया गया।
पर्यटकों ने सेना का जताया आभार
रक्षा पीआरओ ने कहा कि यात्रियों और नागरिक प्रशासन ने त्वरित राहत कार्यों के लिए सेना का आभार व्यक्त किया है। पूर्वी सिक्किम में भारी बर्फबारी के मद्देनजर प्रशासन ने नाथुला और त्सोमगो झील के लिए पास जारी करना फिलहाल बंद कर दिया है।
बता दें कि पर्यटकों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्हें देवदूत बनकर भारतीय सेना ने सुरक्षित बचाया। भारतीय सेना के साथ पर्यटकों की तस्वीरें भी सामने आई हैं।
एक प्रवक्ता ने बताया कि हिमालय के अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में सीमा की रक्षा करते हुए सेना के जवान हमेशा पर्यटकों और स्थानीय आबादी को सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रहते हैं।