नोएडा। सेक्टर-24 स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) अस्पताल के बाहर रविवार शाम स्ट्रीट पोल खड़ा करने के दौरान सात कर्मचारी करंट की चपेट में आने से झुलस गए। हादसा लोहे का पोल खड़ा करने के दौरान 11 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन लाइन की चपेट में आने से हुआ है। मामले को लेकर तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज हो गया है।
हाईटेंशन लाइन से छू गया पोल
हादसे में झुलसे एक कर्मचारी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। छह घायलों का इलाज ईएसआइसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। शाम करीब 6:45 बजे विद्युत निगम के ठेकेदार संजय की देखरेख में अररिया, बिहार के दिलकश राजा सहित सात कामगार करीब 20 फीट का स्ट्रीट पोल हाथ से ही खड़ा कर रहे थे। पोल खड़ा करने के दौरान यह पास से गुजर रही 11 हजार केवी की की हाईटेंशन लाइन से छू गया।
इस कारण पोल में करंट उतर आया। हादसे में दिलकश राजा समेत सातों लोग झुलस गए। गंभीर रूप से झुलसे दिलकश राजा ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। वहीं अन्य घायलों को सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों, गार्डों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया। घटना की जानकारी होने के बाद एसीपी सुशील कुमार गंगा प्रसाद, कोतवाली प्रभारी अमित कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
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पुलिस की ओर से कहा गया है कि चार बजे ही पोल लगाने से पहले ठेकेदार को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। बावजूद ठेकेदार की ओर से काम के दौरान लापरवाही बरती गई। सभी घायल वर्तमान में सेेक्टर-5 स्थित हरौला में किराये के मकान में रहते हैं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। घटना के बाद मृतक के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के परिवार में पत्नी सहित तीन बच्चे हैं। घटना के बाद मृतक और झुलसे लोगों के स्वजन ने मुआवजा की मांग की।
तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि मृतक के चचेरे भाई यासीन अंसारी की तहरीर के आधार पर सविता इलेक्ट्रिक कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार संजय गोयल, सुपरवाइजर शहबान तथा पेटी ठेकेदार मोहम्मद फिरोज के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इलाज के लिए पहुंचे लोगों को किया वापस
घटना के बाद लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। अस्पताल में आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब एक घंटे तक यही स्थिति रही। अवकाश का दिन होने के कारण घायलों को इलाज के लिए इमरजेंसी में भर्ती किया गया। इस दौरान इमरजेंसी गेट के पास मौजूद पुलिस और अस्पताल के सुरक्षागार्डों ने इलाज के लिए पहुंचे लोगों को वापस कर दिया। गंभीर मरीजों को इलाज नहीं मिलने से तड़पना पड़ा। जिम्मेदार इस दौरान मौन रहे।
सुरक्षा नियमों की अनदेखी हुई, जिम्मेदार मौन
बिना शटडाउन लिए 11 हजार केवी हाइटेंशन लाइन के पास स्ट्रीट पोल का खड़ा किया जा रहा था। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्ट्रीट पोल लगाते समय विद्युत सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया और भारी अनदेेखी की गई। विभाग की अधिकारी की ओर से जहमत नहीं उठाई गई। घटना के बाद से जिम्मेदार एक दूसरे की लापरवाही का आरोप लगाकर जिम्मेदारी लेने से बच रहे हैं।