बरेली के बस नमाज प्रकरण में बर्खास्त किए गए रोडवेज के संविदा परिचालक (कंडक्टर) मोहित यादव ने आत्महत्या कर ली है. बस कंडक्टर मोहित यादव मैनपुरी के रहने वाले थे. जानकारी के मुताबिक मोहित ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की है. सोमवार को इसकी जानकारी मिलते ही बरेली डिपो के संविदा कर्मचारियों में रोष फैल गया है. कर्मचारियों ने कहा कि उनके साथी को इस तरह से निलंबित करना सही नहीं था.
घटना तीन जून की है. बरेली डिपो की जनरथ बस संख्या यूपी 32 एनएन 0330 रात साढ़े सात बजे सवारियां लेकर सेटेलाइट बस स्टैंड से कौशांबी के लिए रवाना हुई थी. बस पर नियमित चालक केपी सिंह और संविदा परिचालक मोहित यादव तैनात थे. बरेली से निकलने के बाद चालक-परिचालक ने रामपुर से पहले रास्ते में बस को रोक दिया था.
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यात्रियों ने किया था जमकर हंगामा
यात्रियों ने इसका कारण पूछा तो पता लगा कि बस में सवार दो मुस्लिम यात्री बीच सड़क पर नमाज पढ़ रहे थे. यात्रियों ने करीब बस को 7 मिनट रोक कर सड़क पर नमाज पढ़ी थी. इस पर यात्रियों ने हंगामा किया था. वहीं, इस घटना का सतेंद्र नाम के यात्री ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था. ट्विटर के जरिये परिवहन निगम के एमडी से शिकायत की गई थी.
तनाव में थे मोहित यादव
वहीं, इस मामले में आरएम दीपक चौधरी के निर्देश पर बरेली डिपो के एआरएम संजीव श्रीवास्तव ने बस चालक केपी सिंह को निलंबित करने के साथ ही कंडक्टर मोहित यादव की संविदा समाप्त कर दी थी. बताया जाता है कि संविदा सेवा समाप्त होने के बाद मोहित यादव तनाव में थे. सोमवार को उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी है. जैसे ही इस बात की जानकारी उत्तर प्रदेश रोडवेज में काम करने वाले कर्मचारियों को हुई तो उन्होंने सरकार पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है.