नई दिल्ली Oxford Coronavirus Vaccine ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिर्विसटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी की कोविड-19 वैक्सीन शुरुआती ट्रायल में सुरक्षित और प्रभावी रही है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुताबिक वह भारत में अगस्त के आखिर में इसके तीसरे चरण का ट्रायल करने जा रही है। इसमें करीब 4 से 5 हजार लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा। बड़ी उम्र के लोगों के साथ ही स्वास्थ्यकर्मी भी इस ट्रायल का हिस्सा होंगे। इस वैक्सीन को भारत में ‘कोविडशील्ड’ नाम दिया गया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसके उत्पादन को लेकर ऑक्सफोर्ड के साथ समझौता किया है। आइए जानते हैं कि कैसे यह वैक्सीन काम करती है।
नए वायरस के लिए नया वैक्सीन: कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए वैक्सीन के कई प्रकारों को आजमाया जा रहा है। ऑक्सफोर्ड यूनिर्विसटी की वैक्सीन जिसे एजेडडी1222 भी कहा जाता है। यह भी चीन के कैनसिनो बायोलॉजिस्ट की ही तरह की ही वैक्सीन है। इसी तरह की वैक्सीन में अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन भी एक है, जो वायरस की जेनेटिक इंजीनियरिंग पर भरोसा करती है। यह एडिनोवायरस को इस उद्देश्य से पेश करती है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रेरित करेगा।