इटावा। सवा साल पूर्व सात साल की बालिका से दुष्कर्म के आरोपित को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट रामप्रताप सिंह राणा ने दोनों पक्षों को विस्तार से सुनने के पश्चात दोषी माना। इसके तहत उसे आजीवन कारावास तथा 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट दशरथ सिंह चौहान ने बताया कि थाना बलरई के एक गांव के शिशुपाल पुत्र बालकिशन के खिलाफ 2 जुलाई 2020 को पाक्सो एक्ट तथा दुष्कर्म करने का अभियोग दर्ज कराया गया था। कहा गया था कि सात साल की बालिका उसी दिन अपराह्न में घर आई तो उसकी मां ने कपड़े खराब देखकर पूछताछ की तो बालिका ने उपरोक्त नामजद पर जामुन के पेड़ की नीचे खेलते समय बहलाकर खेत में ले जाकर दुष्कर्म करने की बात कही। पुलिस मौके पर जाकर आरोपित को पकड़ा। गांव नाते आरोपित बालिका का रिश्ते में नाना लगता है। बालिका का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया था। पुलिस ने शीघ्रता से मामले की विवेचना करके शिशुपाल के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया।
क्रमवार पुलिस कार्रवाई
- पुलिस ने घटना के महज 13 दिन में 15 जुलाई 2020 को आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया।
- विशेष न्यायाधीश ने करीब हर 15 के अंतराल पर 28 तारीखों में सभी को सुनकर निर्णय सुना दिया।
- बालिका के साथ चिकित्सक के बयान बने सजा के कारण।
- विवेचक ने कम समय में बेहतर साक्ष्य संकलन किए।