प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड के शूटरों की तलाश में जुटी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मंगलवार को गुजरात के कई और संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान एसटीएफ को कई अहम जानकारी मिली, जिसके बाद अतीक के करीबियों को किराये पर फ्लैट देने वाले और बेचने वालों से पूछताछ की गई।
साबरमती जेल में माफिया से मिलते थे कारोबारी
प्रयागराज के कई बिल्डर, भूमाफिया और कारोबारी भी साबरमती जेल जाकर माफिया से मुलाकात करते थे। एक फ्लैट उमेश पाल हत्याकांड के दूसरे दिन खाली किया गया था। यह भी पता चला है कि वहां कितने लोग रहते थे। अब ऐसे लोगों की लोकेशन ट्रेस की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि अतीक के साबरमती जेल में जाने के बाद से ही खास गुर्गों ने सुरक्षित इलाके में पहले किराए पर फ्लैट लिया था। इसके बाद कुछ ने उस फ्लैट को खरीदा था लेकिन किसी ने अपने नाम पर फ्लैट नहीं लिया। वहां रहने वाले गुर्गे अक्सर जेल जाकर अतीक से मुलाकात करते थे और उसके बाद हुक्म का पालन करते थे।
जेल की सलाखों के पीछे खातिरदारी की जानकारी
तफ्तीश में जुटी एसटीएफ और पुलिस को यह जानकारी भी मिली है कि सलाखों के पीछे भी अतीक की काफी खातिरदारी होती थी। वह मोबाइल इस्तेमाल करने के साथ ही दूसरे शौक भी पूरे करता था। एसटीएफ को गुजरात के फ्लैट में रहने वाले कई लोगों के मोबाइल नंबर मिले हैं, जिनकी काल डिटेल रिपोर्ट खंगाली जा रही है। पुलिस के लाख जतन के बाद भी उमेश पाल हत्याकांड के शूटर अब तक पकड़े नहीं जा सके हैं।
बर्खास्त गनर की तलाश में पुरखास पहुंची एसटीएफ
वर्ष 2004 में सांसद रहे अतीक अहमद को सुरक्षा की दृष्टि से गनर मिला था। पुलिस विभाग के इस कर्मी का नाम एहतेशाम है। वह पुरखास थाना सरायअकिल का रहने वाला है। 10 वर्ष पहले उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया था। इस बीच वह अतीक का करीबी बन चुका था।
एहतेशाम फरार
उमेश हत्याकांड के बाद से एहतेशाम फरार है। जांच में पता चला है कि उमेश पाल शूटआउट प्रकरण में उसकी भी भूमिका संदेह के दायरे में आई है। ऐसे में मंगलवार की सुबह एसटीएफ की टीम उसकी तलाश में पुरखास के ग्रामीणों व स्वजन से पूछताछ की।