गाजियाबाद। इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र से जुलाई के दूसरे पखवाड़े में किशोरी को अगवा किया गया। उसके स्वजन ने पुलिस से शिकायत की। दो सगे भाईयों पर आशंका जाहिर की। पुलिस ने करीब तीन माह तक कोतवाली का चक्कर कटवाया लेकिन रिपोर्ट नहीं दर्ज की। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय से शिकायत की तो अब दोनों सगे भाईयों के खिलाफ अपहरण और धमकी देने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई।
10 जुलाई को लापता हुई थी किशोरी
किशोरी परिवार के साथ कोतवाली क्षेत्र में रहती है। उसकी मां का आरोप है कि 10 जुलाई को किशोरी लापता हो गई थी। उन्होंने इंदिरापुरम कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने गांव के एक युवक पर आशंका जाहिर की थी। पुलिस ने एक सप्ताह में उसे पकड़कर किशोरी को बरामद किया था।
पुलिस से शिकायत पर दी जान से मारने की धमकी
वह अनपढ़ हैं। इसका बेजा फायदा उठाकर पुलिस ने उनके पति से वसुंधरा पुलिस चौकी में किसी कागज पर हस्ताक्षर कर लिया। उसके बाद वह युवक पांच दिन में छूट गया। उसके बाद उनकी बेटी को अगवा कर लिया। उसके भाई ने काल करके पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी।
उन्होंने पुलिस से शिकायत की। इंदिरापुरम कोतवाली पुलिस उनसे चक्कर कटवाती रही लेकिन करीब तीन माह तक रिपोर्ट नहीं दर्ज की। उन्होंने मामले की पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह से शिकायत की। पुलिस ने शनिवार को दोनों सगे भाईयों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की छानबीन करके उचित कार्रवाई की जाएगी।
मिशन शक्ति की सच्चाई आई सामने
प्रदेश में मिशन शक्ति 4.0 चल रहा है। वर्ष-2020 में महिलाओं को सुरक्षित व स्वालंबी बनाने के लिए इसका आरंभ हुआ था। इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में किशोरी के अपहरण और परिवार को धमकी मिलने के मामले में पुलिस ने करीब तीन माह में मुकदमा दर्ज किया है। इससे साबित हो रहा है कि यहां की पुलिस मिशन शक्ति अभियान को लेकर कितना अधिक सजग है।