गाजियाबाद। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने के बाद जिला प्रशासन ने इस दीवाली पर पटाखा बिक्री के लाइसेंस जारी नहीं किए। पिछले करीब एक सप्ताह से व्यापारी तमाम तरह की दलीलों के साथ जिला प्रशासन के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते रहे, लेकिन बिक्री की अनुमति नहीं मिल सकी।
पटाखा खरीदने के लिए लोग बाजारों में इधर-उधर पटाखे तलाशते रहे, लेकिन गली-मोहल्लों में छिपकर पटाखों की बिक्री होती रही।
प्रशासन अंकुश नहीं लगा सका
इस पर प्रशासन अंकुश नहीं लगा सका। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में इस बार दीवाली पर पटाखे नहीं बिकेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का पुराना आर्डर है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) जिन शहरों में 200 के पार चला जाए, वहां पटाखा बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।
गाजियाबाद में एक्यूआइ 200 के पार
गाजियाबाद में एक्यूआइ 200 के पार है। इसी वजह से जिला प्रशासन ने पटाखा बिक्री को अनुमति के लिए लाइसेंस जारी नहीं किए। लोग प्रदूषण न फैले इससे खुद भी बचकर चलने लगे हैं, लेकिन ग्रीन पटाखों की बिक्री को भी अनुमति नहीं मिली। ग्रीन पटाखों से प्रदूषण नहीं फैलता। यही सोचकर तो लोग इसकी खरीदारी के लिए लोग पहले कविनगर, घंटाघर रामलीला मैदान में पहुंचे। यहां पटाखा बाजार न लगता देख लोग इधर-उधर शहर के बाजारों में चक्कर लगा रहे हैं।
ग्रीन पटाखों के लिए दी गई थी अनुमति
गोविंदपुरम से आए राकेश कुमार का कहना है कि पहले भी प्रदूषण था, लेकिन ग्रीन पटाखों के लिए अनुमति दी गई थी। वहीं, पटाखा कारोबारी आशुतोष गुप्ता का कहना है कि पहले भी व्यापारी कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक नुकसान में रहा। गत वर्ष अनुमति मिली थी। इस बार भी दी जाए। अवैध पटाखों की बिक्री पर जिला प्रशासन कहां रोक लगा सका है।