प्रयागराज। लखनऊ जेल में बंद उमर व नैनी जेल में निरुद्ध अली अहमद के खिलाफ एक और मुकदमा लिखा गया है। माफिया अतीक के खास बिल्डर मो. मुस्लिम की तहरीर पर खुल्दाबाद पुलिस ने रंगदारी मांगने, अपहरण कर प्रताड़ित करने के आरोप में अली, उमर के अलावा असाद कालिया, एहतेशाम करीम, अजय व मो. नसरत को नामजद किया है।
मो. मुस्लिम खुल्दाबाद थाने का हिस्ट्रीशीटर है और पुलिस ने उसे उठाकर एक हफ्ते तक अतीक गैंग के बारे में पूछताछ की थी। अब इस मुकदमे में जल्द ही पुलिस उसका बयान दर्ज करेगी। नई चकिया खुल्दाबाद निवासी मो. मुस्लिम का आरोप है कि 2006 से उसने प्लाटिंग और कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया। तभी से अतीक, अशरफ और उनके गुर्गे धमकी देते हुए रंगदारी मांगते थे।
इससे परेशान होकर वह लखनऊ चला गया। यह भी आरोप है कि करीब 15 करोड़ रुपये की जमीन देवघाट झलवा में है, जिसे अली व उमर के नाम करने का दबाव बनाया जा रहा था। इसी बीच वह एक बार लखनऊ से अपने घर चकिया आया तो असाद, अली, उमर, अतीक का गनर एहतेशाम, अजय व नसरत ने पांच करोड़ की रंगदारी मांगी और फिर जबरन कार में बैठाकर माफिया के कार्यालय ले गए।
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वहां बंधक बनाकर पीटा गया और रंगदारी न देने पर जमीन अतीक के बेटों के नाम बैनामा करने को कहा। इसके बाद असाद के हाथों एक करोड़ 20 लाख रुपये भिजवाया। इसके बावजूद असाद लखनऊ आकर उमर व अली से बात कराते हुए धमकी देता था। जनवरी में असाद ने भी फोन करके पैसे मांगे थे। पुलिस का कहना है कि अब उमर के खिलाफ तीन और अली के विरुद्ध छह मुकदमे हो गए हैं।
मो. मुस्लिम भी है हिस्ट्रीशीटर
अतीक के बेटों के खिलाफ एफआइआर कराने वाले मो. मुस्लिम के खिलाफ भी 16 मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ जबरन जमीन हड़पने, रंगदारी मांगने, गुंडा और गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआइआर लिखी गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि अतीक और उसके तमाम गुर्गों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत अरबों की संपत्ति कुर्क करने वाली पुलिस ने मुस्लिम की संपत्ति पर कोई कार्रवाई नहीं की। अब अतीक और उसके गैंग के लिए काम कहा जा रहा है कि मो. मुस्लिम अपनी अरबों रुपये की प्रापर्टी को बचाने का जतन कर रहा है।