लखनऊ। दो सौ करोड़ रुपये के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मास्टर माइंड हाइजिया समूह के संचालक ही थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुधवार को गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपितों से पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि हाइजिया समूह के कालेजों द्वारा सबसे पहले घोटाले को अंजाम दिया गया। उसके बाद कुछ अन्य शिक्षण संस्थानों ने भी फिनो बैंक के कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता के कहने पर घोटाले में भागीदारी की थी।
ईडी ने गुरुवार को हाइजिया समूह के कालेजों से कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं। कालेजों के बैंक के खातों की भी जांच की जा रही है। ईडी ने इस मामले को लेकर 16 फरवरी को लखनऊ, हरदोई व बाराबंकी सहित कई शहरों में 10 शैक्षणिक संस्थानों में छापेमारी की थी। इसके बाद 18 लोगों के खिलाफ ईडी ने मामला दर्ज करवाया था।
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फिनो बैंक के कर्मचारी रविप्रकाश गुप्ता ही सभी शिक्षण संस्थानों में संचालकों के साथ मिलीभगत करके विद्यार्थियों के फर्जी बैंक खोलता था। उसके बाद उनके एटीएम व मोबाइल के सिम अपने पास रख लेता था। जिन विद्यार्थियों के बैंक में खाते खुलवाए गए थे उनमें से ज्यादातर आपात्र थे। कुछ की उम्र सात से 12 वर्ष तो कुछ वरिष्ठ नागरिक भी ऐसे थे जिनके नाम पर रवि गुप्ता ने बैंक में खाते खुलवाए थे।
हाइजिया समूह के कालेजों में इनके दाखिले करवाए जाते थे। इसके बाद बैंक में सरकार की तरफ से आने वाली छात्रवृत्ति को निकालने का काम रवि गुप्ता व हाइजिया समूह से जुड़े इजहार हुसैन जाफरी व अली अब्बास जाफरी करते थे। इजहार हाइजिया ग्रुप के ओरेगन एजूकेशनल सोसायटी के उपाध्यक्ष हैं और अली अब्बास मैनेजर के पद पर तैनात हैं।
ईडी द्वारा तीनों आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। उम्मीद है कि एक-दो दिनों में इस घोटाले की और परतें खुलेंगी। उसके बाद घोटाले से जुड़े कुछ और कालेजों के संचालकों तथा कर्मचारियों के नाम सामने आने तय माने जा रहे हैं। ईडी 1 मई को रिमांड की अवधि खतम होने के बाद तीनों आरोपितों को अदालत में पेश करेगी।