सीबीआई ने दिल्ली जल बोर्ड के पानी के मीटरों की आपूर्ति, उनके परीक्षण व उन्हें लगाने लिए 38 करोड़ रुपये के सौदे में हुई धांधली को लेकर शिंकजा कस दिया है। जांच एजेंसी ने दिल्ली जल बोर्ड और एनबीसीसी के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि आरोपियों ने एक निजी कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए तकनीकी तौर पर पात्र बनाया, जबकि वह अपात्र थी। सीबीआई ने दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व अधिकारियों, मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा, अधीक्षक अभियंता पी.के. गुप्ता, कार्यकारी अभियंता सुशील कुमार गोयल, सहायक अभियंता अशोक शर्मा, एएओ रंजीत कुमार, एनबीसीसी के तत्कालीन महाप्रबंधक डी.के. मित्तल और परियोजना कार्यकारी साधन कुमार के अलावा निजी कंपनी एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
क्या है मामला : दिसंबर 2017 में पांच साल के लिए दिल्ली जल बोर्ड के मीटरों की आपूर्ति, परीक्षण व संचालन के लिए टेंडर जारी किया गया था। एनबीसीसी द्वारा जारी झूठे प्रमाण पत्र व मनगढ़ंत बयान जारी किए जाने के कारण उक्त निजी कंपनी ने 38.02 करोड़ का ठेका हासिल किया था।
करोड़ों की नकदी बरामद
सीबीआई ने इस मामले के संबंध में दिल्ली-एनसीआर में 10 स्थानों पर आरोपियों के परिसरों पर छापेमारी की। शुक्रवार की शाम को एनबीसीसी के पूर्व सीजीएम डीके मित्तल के नोएडा स्थित मकान पर भी छापेमारी की गई थी। यहां डेढ़ करोड़ से अधिक रुपये नकद और एक करोड़ दो लाख की ज्वैलरी बरामद की गई।