नोएडा। फोन करने के एक घंटे बाद भी सरकारी एंबुलेंस न पहुंचने पर बृहस्पतिवार को एक गर्भवती की जान खतरे में पड़ गई। शंम्भू कुमार परिवार के साथ सेक्टर-122 में रहते हैं। बृहस्पतिवार सुबह वह घर से किसी काम से बाहर गए थे।
फोन करने पर नहीं आई एंबुलेंस
सुबह करीब 12 बजे उनकी पत्नी सुमित्रा देवी को प्रसव पीड़ा होने लगी। घर पर मौजूद स्वजन शिव कुमार ने अस्पताल ले जाने के लिए पहले 108 पर फोन किया, लेकिन उन्हें बताया गया कि 102 पर फोन करे। इसके बाद 102 पर फोन किया, लेकिन मदद नहीं मिली है।
मदद न मिलने पर ऑटो का लिया सहारा
आरोप है कि चार बार फोन करने व एक घंटे तक इंतजार करने के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आई तो किसी तरह ऑटो कर स्वजन उसे लेकर अस्पताल के लिए घर से निकले। अस्पताल के पहुंचने से पहले प्रसव पीड़ा अधिक होने लगी। देखते-देखते दर्द असहनीय होने लगे, तो वह ऑटो में लेट गई।
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ऑटो में हुआ महिला का प्रसव
यह देख घर की महिलाओं अस्पताल गेट के बाहर सड़क के किनारे घेरा लगाकर प्रसव कराया। उन्होंने एक लड़के को जन्म दिया। इसके बाद अस्पताल के स्टाफ को सूचना दी लेकिन स्टाफ 15 मिनट की देरी से पहुंचा, गॉर्डों ने भी कोई मदद नहीं किया।
स्वजन ने सरकारी एंबुलेंस के समय पर न पहुंचने पर आक्रोश जताया और कहा कि समय से एंबुलेंस पहुंची होती तो प्रसव अस्पताल में होता। इस मामले में हद तो तब हो गई, जब अस्पताल परिसर में मैटरनिटी स्टाफ ने लड़का होने पर स्वजन से बख्शीश मांग ली।
निर्धारित समय पर नहीं पहुंचती है एंबुलेंस
जिले में 108 की 17 व 102 की 14 एंबुलेंस है। 102 एंबुलेंस का शहरी क्षेत्र में घटनास्थल पर पहुंचने का निर्धारित समय 15 मिनट है। ग्रामीण क्षेत्र में 20 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचने का समय निर्धारित समय है। लेकिन जिले में सरकारी एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती है।
एबुलेंस समय पर नहीं पहुंचने की जानकारी नहीं है। मामले में 102 व 108 एंबुलेंस के प्रभारी दीपक सिंह से बात कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। -डा. जैस लाल, नोडल अधिकारी एबुलेंस