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जस्टिस चंद्रचूड़ को CJI के रूप में शपथ लेने से रोकने की हुई मांग; जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या किया

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हमने याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं दिखा।  वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को नौ नवंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से रोकने की मांग की गई थी। शपथ ग्रहण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया गया। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को ही याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया था।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हमने याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं देखा। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि याचिका पूरी तरह से भ्रामक है। चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की अगुवाई वाली पीठ ने आज यानी बुधवार दोपहर पौने एक बजे इस मामले पर सुनवाई की। बता दें कि नामित प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ को नौ नवंबर को भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेनी है। नामित प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 9 नवंबर को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।

दिल्ली से एलएलबी हार्वर्ड से एलएलएम

11 नवंबर, 1959 को जन्मे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की मां प्रभा चंद्रचूड़ शास्त्रीय संगीतकार थीं। उनकी स्कूली शिक्षा मुंबई और दिल्ली में हुई। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद 1982 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की। यहां से वे अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पहुंचे, जहां पहले एलएलएम पूरी की और 1986 में जूरिडिकल साइंसेस में पीएचडी की उपाधि हासिल की।

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डी वाई चंद्रचूड़ के पिता 16 वें प्रधान न्यायाधीश थे

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें चीफ जस्टिस थे। वाईवी चंद्रचूड़ 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक करीब सात साल रहा। यह किसी सीजेआई को अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई बनने जा रहे हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के भी इतिहास का पहला उदाहरण है कि पिता के बाद बेटा भी सीजेआई बनेगा।

8 नवंबर को रिटायर होंगे सीजेआई ललित

सीजेआई ललित का कार्यकाल 8 नवंबर 2022 को समाप्त हो रहा है। वे मात्र 74 दिन इस पर पद रहेंगे। जस्टिस ललित 26 अगस्त 2022 को सीजेआई एनवी रमण का कार्यकाल पूरा होने के बाद देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। उनका कार्यकाल मात्र ढाई माह का है, जबकि उनके पूर्व प्रधान न्यायाधीशों का औसत कार्यकाल 1.5 साल का रहा है। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। यानी वे दो साल तक देश के प्रधान न्यायाधीश रहेंगे। उन्हें 2016 में सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

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