सीतापुर। आठ वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या करने के दोषी पिता को विशेष न्यायाधीश (पक्सो एक्ट) ने शुक्रवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने 60 हजार रुपये का अर्थदंड भी बोला गया है। रेउसा के कांतापुरवा गांव के रामकृपाल ने एक फरवरी 2020 को पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उसकी आठ वर्षीय पुत्री गायब हो गई है। पुलिस ने बालिका की तलाश शुरू की तो घटना से जुड़े अहम सुराग मिलने लगे।
इसके बाद रामकृपाल की की निशानदेही पर बालिका का शव घर के आंगन से बरामद किया गया। विवेचना में पुष्टि हुई कि रामकृपाल ने पहले अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म किया और बाद में गला दबाकर उसे मार डाला। इतना ही नहीं आंगन में गड्ढा खोदकर शव को दफना दिया था। गुमराह करने के लिए गुमशुदगी दर्ज करा दी। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश (पक्सो एक्ट) कोर्ट में दाखिल किया।
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जज राहुल प्रकाश ने मुकदमा की सुनवाई की। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता आशुतोष अवस्थी, गोविंद मिश्र और मुहम्मद इस्तियाक ने साक्ष्य पेश किए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, नक्श नजरी, विध विज्ञान प्रयोग की रिपोर्ट आदि 17 प्रपत्र पेश किए।
पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपित को दोषी करार दिया। शुक्रवार को दोषी को मृत्यदंड के साथ ही 60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने बताया कि आरोपित को सजा में दिलाने के लिए पुलिस ने सतत पैरवी की है।
पुलिस ने नौ दिन में पूरी की विवेचना
अभियुक्त को सजा दिलाने में पुलिस की भी भूमिका रही है। प्रकरण की गंभीरता के दृष्टिगत पुलिस ने शुरुआत से ही गंभीरता बरती। पहली फरवरी 2020 को मुकदमा दर्ज करने के बाद दूसरे दिन से ही विवेचना शुरू कर दी, जिसे नौ दिन यानी 11 फरवरी को पूरा कर लिया गया। साथ ही सुनवाई के दौरान भी साक्ष्य उपलब्ध कराने और गवाहों को पेश करने में भी संजीदगी दिखाई।