नई दिल्ली। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने भलस्वा लैंडफिल पर साइट पर लगी आग के मामले में उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। डीपीसीसी के मुताबिक आग को रोकने के लिए लापरवाही बरतने और यथोचित कदम नहीं उठाने के लिए पूरी तरह से निगम ही कसूरवार है।एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरी निगम ने आग को रोकने और उस पर काबू पाने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए। मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, निगम को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पानी के टैंकरों को स्टैंडबाय पर रखना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को यह आग एक छोटे से इलाके में लगी, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण फैल गई और कूड़े के पूरे पहाड़ को अपनी चपेट में ले लिया। गाजीपुर लैंडफिल में 28 मार्च के बाद से तीन बार आग लग चुकी है।
मालूम हो कि इससे पहले पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस घटना की जांच करने और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा था। उन्होंने बुधवार को यह भी कहा कि भाजपा शासित नगर निगमों को दिल्ली में कचरे के पहाड़ों को साफ करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल करना चाहिए था। राजधानी में लैंडफिल पर बार-बार आग लगने की घटनाएं नगर निकायों में भ्रष्टाचार का परिणाम हैं।
21 अप्रैल को राय ने कहा था कि दिल्ली सरकार सड़ते कचरे से मीथेन को पकड़ने के लिए मुंबई में स्थापित एक प्रणाली का अध्ययन करेगी और लैंडफिल में आग की घटनाएं रोकने को इसे राष्ट्रीय राजधानी में दोहराएगी।