नोएडा। नोएडा के सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई में नौ वर्षीय बच्चे के खराब गुर्दे का सफल उपचार शुक्रवार को पहली बार दूरबीन विधि (लेप्रोस्कोपिक नेफरेक्टोमी) से किया गया है। गुर्दे में सूजन और नली में पेशाब रुकने की वजह से बायां गुर्दा खराब हो गया था। स्वजन दिल्ली के एम्स सहित देश के बड़े अस्पताल में उपचार के लिए चक्कर काट रहे थे। दो दिन पहले सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई में भर्ती हुए बच्चे का उपचार डा. प्रभात रंजन ने किया है। दो घंटे तक चले आपरेशन के बाद सफलता मिली।
डा. प्रभात रंजन ने बताया कि जन्म से ही बच्चों में यह समस्या देखने को मिलती है। बच्चे के माता-पिता को शुरुआत में इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। इसके कारण परेशानी बढ़ती चली गई। अस्पताल पहुंचने पर गुर्दा खराब होने की जानकारी मिली। इसके बाद दूरबीन विधि से पेट में तीन छेद किए जाते हैं। इसमें एक में कैमरा या दूरबीन डाला जाता है। वहीं अन्य दोनों से उपचार किया जाता है।
आपरेशन में बच्चे का खराब गुर्दा निकाल लिया गया। लेप्रोस्कोपिक नेफरेक्टोमी विधि से तेजी से स्वस्थ होने के साथ शरीर पर कम निशान पड़ते हैं। वहीं अस्पताल में भी कम भर्ती रहना पड़ता है।
माता-पिता ने दिया धन्यवाद
मूलरूप से आगरा के रहने वाले बच्चे के माता-पिता ने पीजीआई के डाक्टर और कर्मचारियों की तारीफ की है। उनका कहना है उन्हें बेहतर उपचार पीजीआई में मिला है।
डायलिसिस संग किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा
डायरेक्टर डा. अजय सिंह ने बताया कि अप्रैल से डायलिसिस शुरू की जाएगी। इसके बाद किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू होगी।