Gandhi Jayanti 2021: महात्मा गांधी ने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति स्वच्छ नहीं है तो वह स्वस्थ नहीं रह सकता है। वह कहते थे कि शौचालय को अपने ड्रॉइंग रूम की तरह साफ रखना जरूरी है। मौजूदा समय में पूरी दुनिया ने स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी आपदा का सामना किया। वहीं दिन-ब-दिन सेहत से जुड़ी तमाम चुनौतियों का व्यक्ति सामना कर रहा है। गांधी के सेहत, स्वच्छता से जुड़ी बातों के संदर्भ में किए गए चिंतन उस दौर में भी प्रासंगिक थे और कोरोना वायरस के इस दौर में भी सार्थक है। ऐसे में अगर आप गांधी जी की बात मानेंगे तो बीमार नहीं पड़ेंगे। (Gandhi Jayanti 2021)
1. आहार के लिए ये था गांधी का नियम
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के गांधी और पीस स्टडीज विभाग के प्रमुख प्रोफेसर सुनील महावार कहते हैं कि गांधी जी निरोग रहने के लिए आहार पर विशेष बल देते थे। वह कहते थे आहार स्वाद के लिए नहीं उदर पूर्ति के लिए होना चाहिए। आहार सादा होना चाहिए। इससे शरीर निरोगी रहेगा। गांधी ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि व्यक्ति का जब पेट खराब होता है तो उसे उसके कारणों के बारे में सोचना चाहिए। क्या उसने अधिक खाना खाया? क्या उसने खराब या गरिष्ठ खाना खाया? पेट दर्द होने पर डॉक्टर हमको दवाई देगा। अगर यही प्रक्रिया चलती रही तो हमको दवा की आदत पड़ जाएगी। ऐसे में किसी व्याधि के मूल को समझना चाहिए। प्रोफेसर सुनील महावार कहते हैं कि गांधी हिंद स्वराज में लिखते हैं कि मुझे चिकित्सक की आवश्यकता नहीं है। मैं अपने शरीर का स्वयं ध्यान रख सकता हूं। पंजाब विश्वविद्यालय के गांधी और पीस स्टडीज विभाग के प्रोफेसर मनीष शर्मा मानते हैं कि गांधी कहते थे कि आहार पर कंट्रोल जरूरी है। खान-पान पर नियंत्रण कई समस्याओं का हल दे देता है। (Gandhi Jayanti 2021)
2. मन और कर्म से स्वच्छ रहेंगे तो स्वस्थ रहेंगे
पंजाब विश्वविद्यालय के गांधी और पीस स्टडीज विभाग के प्रोफेसर मनीष शर्मा कहते हैं कि गांधी का मानना था कि अगर आप मन और कर्म से चीजों को सही तरीके से देखते हैं तो आपके कई सारे मुद्दे सामने नहीं आएंगे। दिमाग गलत धारणाओं को बना लेता है। उससे बचना है। यही तनाव का कारण बनता है जो हार्ट अटैक और बीपी का कारण बनता है। गांधी कहते थे कि अगर आपका इंद्रियों पर नियंत्रण हो गया तो समस्याओं का हल मिल सकता है। गांधी ने साउथ अफ्रीका में कहा था कि सभी को खुद के मन को मेहतर होना चाहिए।
3. स्वास्थ्य आपदाओं से बचने को दी थी नसीहत
पंजाब विश्वविद्यालय के गांधी और पीस स्टडीज विभाग के प्रोफेसर मनीष शर्मा बताते हैं कि गांधी ने आठ-नौ दशक पहले आई आपदा के समय कहा था कि अगर हम ट्रेवलिंग करते हैं तो एक जगह के जीवाणु दूसरी जगह ले जाते हैं। ऐसे में हमें ट्रेवलिंग के समय सेहत का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए ट्रेवलिंग कम करें। गांधी मानते थे कि ने हिंद स्वराज में लिखा था कि साफ-सफाई का ध्यान जरूरी है। (Gandhi Jayanti 2021)
4. योग स्वस्थ रहने के लिए जरूरी
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के गांधी और पीस स्टडीज विभाग के प्रोफेसर डा. जुगुल किशोर दधीचि बताते हैं कि गांधी ने योगा पर बल दिया था। कोविड में गांधी के विचारों की प्रासंगिकता है। गांधी ने भौतिक साधनों के बजाय योग को अपनाने को कहा था। योग शरीर को निरोगी रखने में मददगार रखता है।
5. पर्यावरण साफ रहेगा तो हम स्वस्थ रहेंगे
प्रोफेसर मनीष शर्मा कहते हैं कि गांधी का मानना था कि अगर आस-पास का पर्यावरण साफ रहेगा तो हम हायजीन तौर पर तो बेहतर रहेंगे साथ ही हम मानसिक तौर पर तंदरुस्त रहेंगे। जब हम बाहर की सफाई करते हैं तो अंदर की सफाई करना हमारे लिए अधिक आसान हो जाता है। (Gandhi Jayanti 2021)
6. शारीरिक स्वच्छता के साथ सार्वजनिक स्थानों को भी साफ रखना जरूरी
गांधी जी कहते थे कि रोज नहाना या ब्रश करना जरूरी है। इसके साथ ही किसी सार्वजनिक स्थान जैसे सैलून,जिम, होटल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, स्कूल, कॉलेज, सुविधाघर आदि पर भी हाइजीन को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। ये सभी जगह संक्रमण को फैलाने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। नवजीवन में लिखे अपने लेख में गांधी ने कहा था कि सड़कों पर थूकना पर्यावरण और सेहत को खऱाब करता है।
7. शौचालय को लेकर गांधी ने दी सलाह
गांधी ने स्वच्छता और सेहत के संबंध को महत्वपूर्ण कहा था। उन्होंने कहा कि स्वच्छता ही सेहत की कुंजी है। गांधी जब प्लेग के समय बांबे में दौरा करने गए थे तो उन्होंने लोगों से अपने शौचालय को साफ करने की अपील की थी। उस दौरान गांधी ने गंदगी को दूर करने के मैनजमेंट के लिए सलाह दी थी। गांधी ने सेनिटेशन को आजादी जितना महत्वपूर्ण कहा था। उन्होंने कहा कि स्वस्थ पर्यावरण के लिए सेनिटेशन बेहद जरूरी है। गांधी ने कलकत्ता अधिवेशन में कांग्रेस मुख्यालय में गंदगी को लेकर अपना व्याख्यान दिया था। गंदगी के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए गांधी ने भंगी दल बनाया था। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के गांधी और पीस स्टडीज विभाग के डा. जुगुल किशोर दधीचि कहते हैं कि गांधी ने स्वच्छता पर अधिक बल दिया। वह श्रमजीवी थे। अपने दैनिक कार्य खुद करते थे। गांधी ने खुद को आदर्श मॉडल के तौर पर विकसित किया। वह खुद सफाई करते थे। गांधी कहीं न कहीं स्वच्छता को लेकर व्यक्तिगत प्रयोग करते थे। गांधी ने टॉयलेट की सफाई करने से भी परहेज नहीं किया। इससे लोगों को प्रेरणा मिलती थी।
8. बेहतर लाइफस्टाइल
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के गांधी और पीस स्टडीज विभाग के डा. जुगुल किशोर दधीचि कहते हैं कि गांधी ने सादा जीवन उच्च विचार के लिए कहा। यह आपकी लाइफस्टाइल बेहतर करता है। साथ ही मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ रखता है।
9. इसलिए होते हैं इंफेक्शन
आज तमाम विकास के बावजूद हाइजीन के प्रति अनदेखी हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या है। इसके कारण मलेरिया से लेकर टाइफॉइड, डेंगू, पीलिया, स्किन डिसीज तथा अन्य कई प्रकार के इन्फेक्शंस हम लोगों को आसानी से शिकार बना लेते हैं। हाइजीन से जुड़ी सामान्य बातें जैसे हाथ धोने, घर में सफाई रखने, सड़क पर कूड़ा फेंकने आदि को लेकर हम अब तक सजग नहीं हो पाए हैं। यही कारण है कि बीमारियां और इन्फेक्शंस हमारे आस-पास मंडराते रहते हैं। (Gandhi Jayanti 2021)