नोएडा। सोने के आभूषण को गिरवी रखकर लोन देने वाली मुथूट फाइनेंस कंपनी के स्ट्रांग रूम में रखे सोने के जेवरात बदलकर नकली जेवर रखे गए। इसका खुलासा नीलाम के दौरान हुआ। इस जांच के बाद कंपनी के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने तीन आरोपियों के खिलाफ सेक्टर 49 थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
कंपनी के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक शिंटो जार्ज ने कंपनी के पूर्व कर्मी विनय आलोक, आर्यन सेंगर और राशिद सैफी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। यह सभी कंपनी के सेक्टर 51 होशियारपुर में स्थित कार्यालय पर काम करते थे। आरोप है कि इन लोगों ने स्ट्रांग रूम में रखे सात लोगों के पैकेट से छेड़छाड़ कर उनमें से असली जेवर निकालकर नकली जेवर रख दिए थे। कंपनी की कराई गई जांच में खुलासा हुआ था कि उन्होंने 98.30 ग्राम सोने के जेवर इन सात पैकेट में से निकालकर उनके स्थान पर नकली जेवर रखे थे। इस मामले को लेकर कंपनी का ऑडिट अभी जारी है और संभावना है कि इस तरह की और धांधली अभी अन्य मामलों में भी सामने आये।
10 सितंबर को खुलासा
कंपनी डिफाल्टर हो चुके लोगों के गिरवी रखे पैकेटों के जेवरों को नीलाम करती है। 10 सितंबर को इसी तरह की नीलामी के लिए मुकेश गुप्ता और अंकुर सिंह के नाम के पैकेट को नीलामी के लिए उठाकर गाजियाबाद स्थित नीलामी केन्द्र पर ले जाया गया। जहां पर हुई जांच में खुलासा हुआ कि इन पैकेटों के साथ छेड़छाड़ हुई है और उनमें से असली सोने की चेन निकालकर नकली सोने की चेन रखी गई है। इसके बाद यहां पर रखे सभी पैकेटों की जांच के आदेश दिए गये और जांच में कुल सात पैकेट ऐसे निकले जिनमें छेड़छाड़ की गई है।
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दो लोगों के पास रहती है चाबी
कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि जब कंपनी किसी के भी गहने रखती है तो उस समय उनकी अच्छी तरह से जांच की जाती है और गहने रखते समय भी उनके फोटो खींचते हैं। इन मामलों में भी गायब हुए गहनों के फोटों कंपनी के पास थे, जो पैकेटों में रखे गहनों से अलग थे। स्ट्रांग रूम की दो चाबियां होती हैं जो दो अलग-अलग लोगों के पास रहती हैं। जब तक यह दोनों चाबियां एक साथ न लगें तब तक स्टांग रूम नहीं खुल सकता। इसलिए यह स्पष्ट था कि यह जालसाजी कंपनी में काम कर रहे लोगों ने की गई है।
ऑडिट में भी खुलासा नहीं हुआ
कंपनी ने समय-समय पर स्ट्रांग रूम का ऑडिट भी कराया है। इसमें गहनों के पैकेट भी देखते हैं। आरोप है कि जांच के समय में यह पैकेट स्ट्रांग रूम से हटा दिए गये थे और इसके बाद कंपनी के दस्तावेजों में भी फर्जी हस्ताक्षर आरोपी कर्मियों ने किए। इसको लेकर पुलिस की जांच जारी है।