ग्रेटर नोएडा की बेटी बबिता नागर (Babita Nagar) ने गोल्ड मेडल जीतकर पूरे विश्व में देश का नाम किया रोशन। बबीता एक रेसलर है। नीदरलैंड के रोटरडैम शहर में 22 जुलाई से आयोजित हुए अंतर्राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने गई बबीता ने ‘वर्ल्ड पुलिस एन्ड फायर गेम्स’ में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है।
दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं बबिता-
ग्रेटर नोएडा के सादुल्लापुर गांव की निवासी बबीता, दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। पुलिस की नौकरी करते हुए ये रेसलिंग भी करती है। इसके साथ ही बबीता नागर ग्रेटर (Babita Nagar) नोएडा में महिला पहलवानों के लिए एक अखाड़ा भी चलाती हैं। लंबे समय से चल रहे इस अखाड़े में बड़ी संख्या में लड़कियां ट्रेनिंग ले रही हैं। सबसे खास बात यह है कि इस अखाड़े से ट्रेनिंग लेकर 100 से भी अधिक लड़कियां दिल्ली व यूपी पुलिस में नौकरी पा चुकी है।
साल 1999 में शुरू की थी कुश्ती –
बबिता नागर ने (Babita Nagar) साल 1999 में कुश्ती लड़ना शुरू किया था। ये कॉमनवेल्थ गेम में सिल्वर मेडल भी जीत चुकी है। साल 1999 से लेकर अब तक ये स्टेट, नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर 30 से भी अधिक कुश्ती मैच में हिस्सा ले चुकी है। दिल्ली पुलिस में नौकरी भी इन्हें स्पोर्ट्स कोटे के तहत ही मिली है। दिल्ली पुलिस में नौकरी मिलने के बाद उन्होंने साल 2001 में अपने अखाड़े की शुरुआत की।
कभी हुआ था इनका विरोध अब महसूस कर रहे सब गौरवान्वित –
साल 2001 में जब बबिता नागर (Babita Nagar) ने ग्रेटर नोएडा में अपने अखाड़े की शुरुआत की तो इनके गांव सादुल्लापुर के निवासियों ने इनका काफी विरोध किया था। हालांकि अपने माता-पिता के सपोर्ट से ये अपना अखाड़ा चलाने में सफल हुई। लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए इन्होंने अपने अखाड़े में फ्री ट्रेनिंग देना शुरू किया। इनके अखाड़े में ट्रेनिंग पाकर आज 100 से भी अधिक लड़कियां दिल्ली व यूपी पुलिस में नौकरी पा चुकी है।
जिन गांववासियों ने बबीता का विरोध किया था, आज वही लोग इनके स्वर्ण पदक जीतने पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इनकी स्वर्ण पदक जीतने पर इनके गांव में खुशहाली का माहौल है।