नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने मालवीय नगर इलाके में देह व्यापार के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने बताया कि यह रैकेट मानव तस्करी में भी शामिल था। यह गैंग उज्बेकिस्तान सहित पड़ोसी देशों से युवतियों को भारत-नेपाल बार्डर से मोटर साइकिल के रास्ते भारत लाता था।
यह गैंग युवतियों को दिल्ली में नौकरी दिलाने के बहाने लाता था, उसके बाद देह व्यापार के लिए मजबूर करता था। गैंग का मुखिया इनसे देह व्यापारी की कमाई का हिस्सी लेता था। जब तक लड़कियां अपनी कमाई का हिस्सा देती रहीं, वे गैंग में रहती थीं।
हिस्सा न देने वाली युवतियों के साथ मुखिया करता था ये काम
अगर उन्होंने अपना हिस्सा देने से इन्कार कर दिया, तो उन्हें गिरोह से निकाल दिया गया। गैंग का मुखिया उनका पासपोर्ट, यात्रा के दस्तावेज समेत जरूरी कागजात वापस नहीं करता था। इसके बाद उन्हें बिना किसी दस्तावेज के वापस नेपाल ले जाया जाता था और पुलिस आगे इस बात की जांच कर रही है कि नेपाल पहुंचने के बाद उनके साथ क्या हुआ। पुलिस को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है।
बरामद लड़कियों के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा
न्यूज एजेंसी एएनआइ के अनुसार, पुलिस ने बताया कि इन लड़कियों को देह व्यापार के रैकेट के मामले में आरोपित नहीं बनाया गया है जबकि इन पर बिना दस्तावेजों के भारत में घुसने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि दस लड़कियों के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिन्हें अदालत में पेश कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया है।
पूछताछ में पता चली ये बात
युवतियों के पास से अभी तक कोई दस्तावेज नहीं मिला है। उनसे पूछताछ में पता चला है कि वे उज्बेकिस्तान से हैं। हालांकि, अभी तक कोई अन्य दस्तावेज नहीं हैं और एक बार उनके दस्तावेज तैयार होने के बाद, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और रिपोर्ट किया जाएगा।
पहले नेपाल लाई जातीं लड़कियां, फिर नेपाल के रास्ते भारत
ज्यादातर लड़कियों को उज्बेकिस्तान या पड़ोसी देशों से पहले फ्लाइट से नेपाल लाया गया और फिर उनका वीजा ऑन अराइवल लिया गया। फिर वे बुर्का पहनकर सीमा पार करती थीं।
नेपाल के रास्ते भारत आने के लिए अपनाते ये तरीका
पुलिस को संदेह है कि नेपाल के कुछ स्थानीय लड़के भी इस गिरोह में शामिल हैं क्योंकि ये लोग उन लड़कियों को भारत-नेपाल की मुख्य सीमा पार कराते थे। लड़कियां नेपाल से बुर्का पहनकर कच्ची सड़कों से भारत आती थीं।
जैसे ही वे भारत आईं, उनका पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज गिरोह के मुखिया अली शेर तिलदादेव ने अपने पास जमा कर दिए गए। इन्हें पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है।
कई और भी लड़कियों के शामिल होने की हो रही पुष्टि
गिरोह से अब तक लगभग 18 यात्रा दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिनसे पता चल रहा है कि रैकेट से बरामद 20 लड़कियों के अलावा देह व्यापार में अन्य लड़कियां भी शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि इस गिरोह को चलाने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सोनिया विहार में दो एजेंट रहते हैं, एक गैंग लीडर और एक पति-पत्नी, जो तुर्कमेनिस्तान के नागरिक हैं। ये पति-पत्नी होने का दावा कर रहे हैं, जबकि पुलिस अभी इसकी जांच कर रही है।
गैंग को चलाते थे ये पांच लोग
पुलिस को शक है कि गैंग लीडर से लड़कियों को लेकर पति-पत्नी इस गैंग को चलाते थे। इस पति-पत्नी के अलावा पुलिस को आशंका है कि गिरोह के और भी संचालक अली शेर के साथ हैं, जिसके बाद पुलिस इस मामले में और लोगों की गिरफ्तारी की बात कर रही है।
गिरफ्तार आरोपितों की पहचान मोहम्मद अरूप(34), चंदे साहिनी(30), अली शेर तिलदादेव(48), जुमायेवा अजीजा(37) और मेरेदोब अहमद(48) के रूप में हुई है। अजीजा और अहमद तुर्कमेनिस्तान के नागरिक हैं।