नई दिल्ली। स्वदेशी विमान वाहक (आइएसी) के लिए चौथे चरण का समुद्री परीक्षण रविवार को सफलतापूर्वक पूरा हो गया। अभ्यास के दौरान उड्डयन सुविधा जटिल उपकरण समेत अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों का एकीकृत परीक्षण किया गया। इस महीने के आखिर तक पोत को सौंपा जाएगा और इसके बाद अगस्त में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत इसे कमीशन किया जाएगा। भारतीय नौसेना और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने विमान वाहक का स्वदेशी डिजाइन और उसका निर्माण किया है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया पहल’ के लिए देश की प्रबल क्षमता का ज्वलंत उदाहरण है। इसने स्वदेशी डिजाइन एवं निर्माण क्षमता में वृद्धि के साथ ही बड़ी संख्या में सहायक उद्योगों के विकास की संभावनाओं को मजबूत किया है। इसने 2,000 से अधिक कर्मियों और सहायक उद्योगों में लगभग 12,000 कर्मचारियों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।
पहला समुद्री परीक्षण पिछले साल अगस्त में हुआ था पूरा
आइएसी का पहला समुद्री परीक्षण पिछले साल अगस्त में सफलतापूर्वक पूरा हुआ था। इसके बाद अक्टूबर एवं जनवरी में दूसरे और तीसरे चरण का समुद्री परीक्षण किया गया। समुद्री परीक्षणों के इन तीन चरणों के दौरान, प्रणोदन मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक सूट, डेक मशीनरी, जीवन रक्षक उपकरण, जहाज के नेविगेशन और संचार प्रणालियों का परीक्षण किया गया।
भारतीय नौसेना ने किया समुद्री परीक्षण
भारतीय नौसेना ने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) के लिए चौथे चरण का समुद्री परीक्षण रविवार को सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। अभ्यास के दौरान, कुछ एविएशन फैसिलिटीज कॉम्प्लेक्स उपकरणों सहित अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के एकीकृत परीक्षण किए गए। इस महीने के अंत तक जहाज की डिलीवरी का लक्ष्य रखा जा रहा है, इसके बाद अगस्त में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए जहाज को चालू किया जाएगा। समुद्री परीक्षणों के इन तीन चरणों के दौरान, प्रणोदन मशीनरी, विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक सूट, डेक मशीनरी, जीवन रक्षक उपकरण, जहाज के नेविगेशन और संचार प्रणालियों का धीरज परीक्षण किया गया।