नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत अपनी एक इंच भी जमीन किसी को नहीं देगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध से जुड़े शेष मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझा लिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि, ‘अपनी एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वाले को भारत मुंहतोड़ जवाब देगा, क्योंकि वह अब कमजोर देश नहीं रह गया है।
तथ्यों को जाने बिना विपक्ष ने उठाए सवाल
पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर विपक्ष की सरकार की आलोचना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, हमारे राजनीतिक विरोधी तथ्यों को पूरी तरह से जाने बिना कुछ सवाल उठाते रहते हैं। ‘मैं 1962 के चीन-भारत युद्ध के दौरान जो हुआ उसमें नहीं जाना चाहता, लेकिन मैं देश के रक्षा मंत्री के रूप में आश्वस्त करना चाहता हूं कि चीन के कब्जे में एक इंच भी जमीन नहीं जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत पूर्वी लद्दाख में गतिरोध से पहले यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता रहा है। भारत लगातार इस बात पर कायम रहा है कि एलएसी पर शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
देश के गौरव और प्रतिष्ठा से समझौता नहीं
राजनाथ सिंह ने कहा कि राजग सरकार किसी भी कीमत पर देश के गौरव और प्रतिष्ठा से समझौता नहीं करेगी। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम के बारे में राजनाथ ने कहा, पाकिस्तान पहले संघर्ष विराम का उल्लंघन करता था। संघर्ष विराम को लागू हुए एक साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन पाकिस्तान इसका उल्लंघन करने का साहस नहीं जुटा पाया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध बड़ी सीख
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के संघर्ष ने दिखाया है कि अगर दुनिया के किसी भी हिस्से में युद्ध होता है, तो उसमें शामिल पक्षों को ही लड़ना होगा। कोई भी तीसरा देश उस संघर्ष में आसानी से शामिल नहीं होगा।