नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस ने दिल्ली समेत कई राज्यों में छापेमारी कर आतंकी गैंगस्टर गठजोड़ दो अलग-अलग कुख्यात गैंगस्टरों के पांच शूटरों को गिरफ्तार कर बड़ी उपलब्धी हासिल की है। गिरफ्तार शूटरों में चार लांडा हरिके-हरविंदर रिंडा गिरोह व एक लारेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह के गुर्गे शामिल हैं।
इनके पास से पांच चाइनीज हैंड ग्रेनेड, एक एमपी-5, एक एके-47 राइफल, नौ सेमी आटोमैटिक पिस्टल व भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए हैं। लांडा हरिके-हरविंदर रिंडा का आइएसआइ आतंकी संगठन से गठजोड़ है। जबकि लारेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ का पंजाब के आतंकी संगठनों के साथ गठजोड़ है।
ये हैं गिरफ्तार शूटर
डीसीपी मनीषी चंद्रा के मुताबिक गिरफ्तार किए गए शूटरों के नाम दीपक उर्फ टीनू, लखविंदर सिंह उर्फ मटरू, गुरजीत उर्फ गुरी, हरमंदर सिंह व सुखदेव उर्फ सुखा है। इनमें दीपक, लारेंस-गोल्डी बराड़ गिरोह व चार अन्य लांडा-रिंडा गिरोह के शूटर हैं।
जेल में मिलाया हाथ
लखविंदर सिंह, एसबीएस नगर, पंजाब का रहने वाला है। इस पर हत्या के प्रयास, कार-जैकिंग, डकैती, फायरिंग करने के कई केस दर्ज है। जेल में रहने के दौरान उसने दविंदर बांबिहा के साथ हाथ मिलाया था। पिछले वर्ष फरवरी में कुख्यात सुरजीत सिंह कूनेर ने अपने साथियों के साथ लखविंदर सिंह के घर पर हमला किया था। दोनों पक्षों में जमकर गोलियां चली थी।
भारत छोड़ने की फिराख में था
हमले लखविंदर और उसके भाइयों ने सुरजीत सिंह कूनेर को मार गिराया था। वारदात के बाद लखविंदर ने फर्जी पहचान पर पासपोर्ट बनवा भारत छोड़ने की कोशिश में जुटा था ताकि विदेश में छिपे अन्य भगोड़े आपराधियों की तरह वह भी वहां छिपकर रह सके।
गुरजीत, मोहल्ला शेकुपुरा, जंडियाला गुरु, अमृतसर, पंजाब का रहने वाला है। विगत जून में गुरजीत और उसके सहयोगियों ने लखबीर सिंह उर्फ लांडा के कहने पर अमृतसर में एक कालेज के बाहर जेल में बंद गैंगस्टर जग्गू भगवान पुरिया के प्रतिद्वंद्वी आपराधिक सिंडिकेट के एक सदस्य लवप्रीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी जब्कि एक अन्य को घायल कर दिया था।
सितंबर में लखबीर सिंह व गुरजीत और पंजाब के मोहाली में आरपीजी हमले में उनकी भूमिका के लिए पकड़े गए नाबालिगों को कुछ प्रतिद्वंद्वियों को खत्म करने का काम सौंपा था। जिन्हें माखू गांव में कार में यात्रा करते समय मारने की योजना थी। गुरजीत ने सशस्त्र हमला किया था लेकिन कार सवार जवाबी फायरिंग करते हुए गोली लगने के बाद भी भागने में सफल हो गए थे।
हरमंदर सिंह, मोगा, पंजाब का रहने वाला है। हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के कहने पर हरमंदर ने भारत-पाक सीमा के पास ड्रोन से गिराए गए खेपों का रिसीवर रहा है। माखू में हुई गोलीबारी में वह भी शामिल था।
सुखदेव, कपूरथला, पंजाब का रहने वाला है। वह स्थानीय गैंगस्टर पट्टू, निवासी फिरोजपुर, पंजाब का भी करीबी सहयोगी है, जिसके माध्यम से वह भगोड़े गैंगस्टर लखबीर सिंह से जुड़ा। सुखदेव, हरमेंडर के साथ पंजाब के सीमावर्ती जिलों में ड्रोन डिलीवरी और हथियारों व विस्फोटक डंपों का प्रबंधन करता है। दीपक, जैन चौक, भिवानी, हरियाणा का रहने वाला है। वह पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल था। एक अक्टूबर की मध्यरात्रि में पंजाब पुलिस की हिरासत से वह भाग गया था। इसके खिलाफ विभिन्न राज्यों में हत्या और जबरन वसूली के कई मामले दर्ज हैं।
स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस खालिस्तानी आतंकियों के साथ आपराधिक गठजोड़ की पहचान करने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में इन अपराधियों का पता लगा गिरफ्तार किया गया। 24 सितंबर को पहले लखविंदर को सराय काले खां से गिरफ्तार किया गया। उसकी पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को गुरजीत को आईएसबीटी कश्मीरी गेट से दबोचा गया। उससे पता चला कि हरमेंडर और सुखदेव, लांडा और रिंडा के लिए सीमा पार आपरेशन के एक बड़े हिस्से की देखरेख कर रहे थे। इसके बाद उक्त दोनों को अमृतसर से पकड़ लिया गया।