नोए़़डा। विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रहे दावेदार भले ही अपनी रणनीति बनाए बैठे हैं, पर कोरोना से जूझती जनता ने अपने पास सभी नेताओं के काम का हिसाब रखा है। चुनाव से पहले शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर चाय की दुकान पर चुनावी चर्चा गरम है। दैनिक जागरण के बाइक रिपोर्टर ने मंगलवार को नोएडा विधानसभा क्षेत्र के सेक्टर-26 के पास दोपहर एक बजे चाय की दुकान पर हो रही लोगों के बीच राजनीतिक चर्चाएं सुनीं।
गुनगुनी धूप में चर्चा कर रहे नंदलाल ने कहा कि कोरोनाकाल में प्रदेश की योगी सरकार ने बहुत काम किया है, लेकिन कुछ ही नेता जनता के बीच पहुंचे। स्थानीय नेताओं से कोई मदद नहीं मिली। जाति, धर्म के नाम पर वोट मांगने वाले नेताओं का बहिष्कार करेंगे। इस पर विनोद शर्मा ने कहा कि हम तो दिहाड़ी कामगार हैं। लाकडाउन ने गरीबों को तबाह कर दिया। राशन न मिलता तो भूखे मर जाते। चुनाव में इस बार जात-बिरादरी देखकर नहीं, बल्कि विकास के मुद्दे पर वोट करेंगे। नेताओं ने हर बार जाति, धर्म के नाम पर ठगा है।
विनोद की बात का जवाब देते हुए सुनील ने कहा कि परेशान मत हो। दस मार्च को जो नतीजे आएंगे, वह नेताओं की असली हैसियत दिखा देंगे। इस पर चाय दुकान चला रहे संजय ने कहा कि चुनाव के वक्त ही नेता दिखते हैं। बाकी पांच साल तो उन्हें दूरबीन लेकर खोजना पड़ता है।
विपिन बोले कि अब नेताओं की संपत्ति बढ़ गई, जबकि आम आदमी और गरीब हो गया है। इसके लिए जनता भी जिम्मेदार है। जनता ने जाति और धर्म देखकर वोट दिया। बाइक रिपोर्टर इसके बाद सेक्टर-61 के पास पहुंचा। जहां चाय की दुकान पर खड़े मुकेश ने सड़क, स्वास्थ्य, बिजली की स्थिति में सुधार की बात कहते हुए कहा कि भाई इस बार चुनाव में उम्मीदवार की व्यक्तिगत छवि भी काम करेगी। अजीम शेख ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर इतने लंबे समय सरकार को आंदोलन नहीं चलने देना था।
रंजन ने दोनों की बात काटते हुए कहा कि सरकार किसान, गरीब, मजदूर के हक की बात करने वाली हो, जिससे आम लोगों को राहत मिले। वहीं सैय्यद शेख ने डीजल, पेट्रोल सहित घरेलू सामग्री पर बढ़ती महंगाई को एक बड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को महंगाई पर रोक लगानी चाहिए, क्योंकि इससे मध्यम वर्ग के लोगों को दिक्कत होती है। सरिता ने कहा कि कानून व्यवस्था पहले के मुकाबले सुदृढ़ हुई है, लेकिन विधायक भी कर्मठ और ईमानदार होना चाहिए।