नई दिल्ली। वैश्विक अनिश्चितता को देखते हुए अभी बैंक दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रह सकता है। आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐसे ही संकेत दिए हैं। बुधवार को आरबीआइ की मौद्रिक नीति बैठक के मिनट्स जारी किए गए। मिनट्स में दास ने कहा है कि अभी महंगाई के साथ भू-राजनीतिक तनाव व वैश्विक वित्तीय बाजार में जारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए बैंक दरों में बढ़ोतरी को रोकना समय से पहले का कदम होगा।
बढ़ रही है महंगाई दर
आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि अभी वर्तमान स्थिति अनिश्चितता से भरी है और भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक बाजार में उथल-पुथल, गैर ऑयल वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी और कच्चे तेल की कीमत में हो रहे उतार-चढ़ाव से महंगाई को हवा मिल रही है। जनवरी में महंगाई दर 6.52 फीसद के स्तर पर पहुंच चुकी है। जबकि आरबीआइ की तरफ से खुदरा महंगाई की अधिकतम सीमा छह फीसद है।
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सेंसेक्स में गिरावट
मिनट्स में गवर्नर से इस विचार का असर बुधवार को भारतीय शेयर बाजार पर भी देखा गया। सेंसेक्स 927.74 अंक गिरकर 59,744.98 अंक पर बंद हुआ जो पिछले तीन सप्ताह का सबसे निचला स्तर है। सेंसेक्स में गिरावट के लिए अमेरिकी फेडरल बैंक की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना को भी प्रमुख कारण माना जा रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित है बाजार
इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अमेरिका और रूस में बढ़ते तनाव से भी बाजार प्रभावित रहा। निवेशकों को खाद्य और ऊर्जा संकट के गहराने की और आशंका दिख रही है। इस प्रकार की आशंकाओं से विदेशी निवेशक तेजी से बाजार से निकलने से लगते हैं।
इस साल भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों ने 3.37 अरब डॉलर के शेयर की बिक्री की है। पिछले सप्ताह विदेशी निवेशकों का रुझान भारतीय बाजार की तरफ बढ़ा था, लेकिन एक साथ विभिन्न प्रतिकूल माहौल की वजह से विदेशी निवेशक एक बार फिर से बिकवाली करते देखे गए।जियोजिट फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने बताया कि अमेरिका व रूस के बीच तनाव के बढ़ने से बाजार पर असर दिखा है।
हालांकि यह शार्ट टर्म का असर है। लेकिन निवेशकों को रूस पर फिर से और व्यापारिक प्रतिबंध की आशंका है। इसके अलावा फेडरल दर में बढ़ोतरी की आशंका और आरबीआइ के मिनट्स से भी बाजार प्रभावित हुआ है।बुधवार को भारतीय बाजार से साथ जापान, चीन, ब्रिटेन जैसे कई देशों के बाजार में गिरावट का रुख रहा।